आजाद सिपाही संवाददाता
कोलकाता। सीवी आनंद बोस ने बंगाल के राज्यपाल के रूप में बुधवार को शपथ ग्रहण किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें शपथ दिलायी। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी, बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के अलावा कई मंत्री मौजूद रहे। हालांकि राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। बाद में शुभेंदु ने आरोप लगाया कि ममता सरकार की ओर से शपथ ग्रहण समारोह में बैठने के लिए जो इंतजाम किया गया था उसमें भाजपा छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए विधायकों के साथ कुर्सी लगायी गयी थी। ऐसा कर उन्हें अपमानित करने की कोशिश की गयी। इसलिए उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया।
बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें 17 नवंबर को बंगाल के नये राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया।
शुभेंदु बोले, ममता सबसे मनहूस राजनेता, वे मूर्खों के स्वर्ग में रहती हैं
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस के शपथ ग्रहण में नहीं गये। इसकी वजह समारोह में किया गया सीटिंग अरेंजमेंट था। शुभेंदु ने ट्वीट कर बताया कि उन्हें विधायक कृष्णा कल्याणी और बिस्वजीत दास के बगल में बैठाया गया था, जो भाजपा के टिकट पर चुने गये थे, लेकिन बाद में टीएमसी में शामिल हो गये। इतना ही नहीं, उन्होंने ममता बनर्जी को भारत में पैदा हुआ सबसे मनहूस नेता करार दिया। मुख्यमंत्री पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि वे भारत में पैदा हुईं अब तक की सबसे घटिया राजनेता हैं, जो शर्मनाक तरीके से सत्ता पर काबिज हो गयीं। अगर वे ये सोचकर खुश हैं कि उनकी यह रणनीति मुझे परेशान करेगी, तो वे मूर्खों के स्वर्ग में रह रही हैं। लेकिन मैं उनकी तरह नहीं हूं, बल्कि मैं अपनी गरिमा के लिए जागरूक हूं।
शुभेंदु ने आयोजन स्थल का फोटो शेयर करते हुए कहा कि मैं समारोह में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मेरे लिए ऐसे आपत्तिजनक लोगों के बगल में बैठना संभव नहीं है। इसके लिए उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही यह भी कहा कि सूचना और सांस्कृतिक विभाग के प्रभारी मंत्री ने ममता की इच्छा के अनुसार बैठने की व्यवस्था की।