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    Home»Breaking News»इडी के सहायक निदेशक को हेमंत सोरेन की चिट्ठी
    Breaking News

    इडी के सहायक निदेशक को हेमंत सोरेन की चिट्ठी

    azad sipahiBy azad sipahiNovember 18, 2022No Comments6 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जारी समन के जवाब में इडी के सहायक निदेशक को एक चिट्ठी भेजी है, जिसे उन्होंने गुरुवार को मीडिया के साथ साझा किया। यहां पेश है

    उस चिट्ठी का मूल पाठ-
    श्री देवव्रत झा,
    सहायक निदेशक, प्रवर्तन निदेशालय, वित्त मंत्रालय, रांची क्षेत्रीय कार्यालय,
    झारखंड
    महोदय,

    विषय:- प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा अवैध खनन की इनवेस्टीगेशन एवं इस संबंध में अधोहस्ताक्षरी को दिनांक 07.11.2022 का निर्गत सम्मन।

    प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण प्रत्येक राज्य अवैध खनन के अभिशाप से ग्रसित है एवं झारखंड इससे अछूता नहीं है। अधोहस्ताक्षरी झारखंड राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए कृत संकल्प है एवं इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करते हैं।
    29 दिसंबर 2019 को मेरी सरकार के कार्यभार संभालने के पश्चात मेरे नेतृत्व में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गयी है। इन पिछले दो वर्षों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के वावजूद रॉयल्टी 270 करोड़ रुपये (2019-20) से बढ़कर 360 करोड़ रुपये (2021-22) राज्य को प्राप्त हुई। लगभग 20 प्रतिशत पत्थर खनन का रॉयल्टी साहेबगंज से राज्य को प्राप्त होता है, परंतु आपके स्टेटमेंट से ऐसा प्रतीत होता है कि साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये का अवैध खनन स्कैम हुआ है। साहेबगंज में पत्थर के अवैध खनन से 1000 करोड़ के राज्य को राजस्व नुकसान के आपके आरोपों के संबंध में निम्नांकित तथ्य विचारणीय हैं:-

    1. खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो वर्षों में पूरे झारखंड राज्य में लगभग नौ करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है, जिसमें 60% बोल्डर है। 35% स्टोन चिप्स एवं 5% स्टोन डस्ट इत्यादि हैं। इस नौ करोड़ मीट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहेबगंज जिला में हुआ।

    2. राज्य को 96 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर, 175 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी स्टोन चिप्स पर एवं 18 रुपये प्रति मीट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी प्राप्त होता है।

    3. इस प्रकार भारित औसत के आधार पर राज्य को 120 रुपये प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होता है।

    4. दो वर्षों में 1000 करोड़ रुपये के रॉयल्टी के नुकसान के लिए, करीब आठ करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहेबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी, जो उस जिले में हुए वैध खनन का चार गुणा होता है।

    5. दो वर्षों में आठ करोड़ मीट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20 हजार से अधिक रेलवे रेक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी, क्योंकि एक रेलवे रेक की क्षमता 4000 मीट्रिक टन एवं एक ट्रक की क्षमता 25 मीट्रिक टन होती है।

    6. रेलवे बगैर माइनिंग/ मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रेक बगैर चालान के नहीं पाया है, क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी/अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है।

    7. आपने बताया है कि पिछले दो वर्षों में 6500 रेलवे रेक साहेबगंज जिले से पत्थर खनन हेतु उपयोग किये गये हैं। यदि ये सारे 6500 रेलवे रेक केवल अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन भी किया जाता है (जो संभव नहीं है) तो भी ये आठ करोड़ मीट्रिक टन अवैध खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते हैं जिससे 1000 करोड़ रुपये का रॉयल्टी प्राप्त हो सके।

    8. इसके अतिरिक्त दो वर्षों में 8 करोड मीट्रिक टन अवैध पत्थर के परिवहन के लिए प्रतिदिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी, जबकि पूरे साहेबगंज जिला में करीब 800 ट्रक मात्र ही निबंधित एवं चालू अवस्था में हैं।

    9. साहेबगंज में कुछ घाट हैं, जहां से आप क्लेम करते हैं कि जहाज के माध्यम से अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन किया जाता है।

    10. परंतु उपलब्ध सभी रेलवे रेक, ट्रक, जहाज मिलकर भी 8 करोड़ मीट्रिक टन अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते थे, जिससे कि राज्य को 1000 करोड़ रुपये रॉयल्टी का पिछले दो वर्षों में नुकसान हो सके।

    11. ना केवल परिवहन असंभव है, बल्कि इतने क्रशर एवं अन्य संसाधन जैसे टिप्पर इत्यादि साहेबगंज में कहां हैं, जिससे कि 4 करोड़ मीट्रिक टन प्रति वर्ष अवैध पत्थर खनन को अंजाम दिया जा सके, जबकि साहेबगंज में प्रत्येक वर्ष वैध खनन मात्र एक करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का है। किसी भी परिस्थिति में एक करोड़ मीट्रिक टन के वैध खनन के लिए उपलब्ध क्षमता एवं संसाधन से चार करोड़ मीट्रिक टन अवैध खनन संभव प्रतीत नहीं होता है।

    12. आप मात्र साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध पत्थर खनन का क्लेम कर रहे हैं, जबकि जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पूरे झारखंड राज्य को पत्थर खनन से पिछले दो वर्षों में समेकित रूप से कुल 750 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुए हैं। मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों एवं आंकड़ों को साहेबगंज में 1000 करोड़ रुपये के अवैध खनन का आरोप लगाने के पहले संज्ञान में नहीं लिया है। इडी को बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किये 1000 करोड रुपये का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज वक्तव्य जारी करना शोभा नहीं देता है, वह भी तब, जब पिछले करीब एक वर्ष से जांच की जा रही है एवं 50 से अधिक रेड किये जा चुके हैं। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप अपने क्लेम पर पुनर्विचार करेंगे एवं सनसनीखेज ब्यानों से परहेज करेंगे, जो तथ्य एवं आंकड़ों के द्वारा सत्यापित नहीं हो, क्योंकि ऐसा गैर-जिम्मेवार ब्यान न केवल राज्य के संबंधित विभाग एवं उसके कर्मियों की छवि धूमिल करते हैं, बल्कि झारखंड राज्य की छवि भी खराब होती है।
    इसके अतिरिक्त यह भी प्रतीत होता है कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से मुझे अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाये हैं। रवि केजरीवाल जेएमएम का एक सदस्य था एवं वर्ष 2020 में निष्कासित किये जाने के पूर्व कोषाध्यक्ष का पद धारण करता था। तत्पश्चात उसके विरुद्ध जेएमएम के द्वारा प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी। तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है एवं मुझे आश्चर्य नहीं होगा यदि वह मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे उपर गलत आरोप लगाये। इडी के द्वारा निष्पक्ष रूप से बगैर किसी हिडेन एजेंडा एवं मोटिव के जांच किये जाने की अपेक्षा की जाती है। मैंने संविधान को अक्षुण रखने की शपथ ली है एवं इस देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून की मान्यता रखने के लिए आपके कार्यालय में आज निर्गत सम्मन के अनुपालन में उपस्थित रहूंगा।

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