ईडी के समन भेजने के बाद झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। झामूमो ने अपना रूख कड़ा कर लिया है और साथ ही ईडी के विरोध में रैली भी निकाली। रांची स्थित मोराबादी मैदान में आयोजित रैली के दौरान मुख्यमंत्री ने कड़ा रूख करते हुए कहा कि अगर हमने कोई गुनाह किया है तो समन क्यों भेजते हो, पुछताछ क्यों करते हो, सीधा गिरफ्तार करो।
मुख्यमंत्री ने अपने आवास के बाहर इकट्ठा हुए झामुमो के हजारों कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए यह आक्रामक अंदाज में ये बातें कहीं।
झारखंड के अलग-अलग जिलों से आए लगभग सात-आठ हजार कार्यकर्ता पार्टी झंडों और तीर-धनुष एवं परंपरागत हथियारों के साथ मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए और वहां से जुलूस की शक्ल में कांके रोड स्थित सीएम आवास पहुंचे। सीएम ने अपने आवास से बाहर निकलकर सड़क पर जमा कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए भाजपा पर भी बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि विरोधियों को यह पच नहीं रहा कि आदिवासी दलित झारखंड चला रहे हैं।आज रायपुर में आदिवासी महोत्सव पर हमारा कार्यक्रम पहले से तय था और इस दिन ईडी ने हमें न्योता भेज दिया। इन्हें लगता है कि ये हमें जेल भेजेंगे तो हम डर जायेंगे। अगर हमने जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया तो इतने लोग है कि जेल में जगह कम पड़ जायेगी। जेएमएम पार्टी ऐसे संघर्षों और परिस्थितियों से तपकर और मजबूत हुई है।
गुरुवार को रांची के कांके रोड स्थित सीएम आवास में सैकड़ों पार्टी कार्यकतार्ओं का जुटान हुआ। इस दौरान ईडी और विपक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। वहीं, सीएम हेमंत सोरेन ने पार्टी कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए उन्हें हर स्थिति में तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कारनामे को राज्य की जनता देख रही है। चुनाव के वक्त इसका माकूल जवाब भी देगी।
राज्य के विरोधियों को यहां से बाहर जान होगा
पार्टी कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु, अगुवा साथियों और वीर क्रांतिकारियों के संघर्ष से हमें झारखंड अलग राज्य मिला। अब वर्तमान सरकार की सक्रियता के कारण 1932 खतियान आधारित स्थानीयता और आरक्षण में बढ़ोतरी हमें मिलेगी, तो इससे विपक्ष घबरा गया है। यही कारण है येन-केन-प्रकारेण विपक्ष साजिश रचकर राज्य की जनता द्वार चुनी गयी सरकार को अपदस्थ करना चाहती है। कहा कि राज्य के विरोधियों को सर छुपाने के लिए अब राज्य से बाहर जाना होगा।
हमारे पूर्वजों ने कभी हारना नहीं सिखाया
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर किस तरह से एक आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान किया जा रहा है। यह उजागर हो गया है। कहा कि मुझे परेशान करने की कोशिश के पीछे विपक्ष की एक ही सोच है कि दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक को हक न मिले. लेकिन, हमारे पूर्वजों ने कभी हारना नहीं सिखाया। इधर, जेएमएम ने आगामी पांच नवंबर को राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।