रांची। झारखंड में इडी (प्रवर्तन निदेशालय) अपनी कार्रवाई और तेज करेगी। इडी की रडार पर झारखंड के बड़े व्यापारी और नेता शामिल हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है झारखंड के साथ-साथ चार राज्यों में हुई आयकर विभाग की छापेमारी। इसमें कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इन दस्तावेजों को आयकर विभाग ने इडी के साथ साझा किया है। इडी अब इन दस्तावेजों की जांच कर आगे कार्रवाई करेगी। इन दस्तावेजों में कई अहम सुराग हैं। सूत्रों के अनुसार इसमें कई शेल कंपनियों से जुड़ी अहम जानकारियां हैं।
शेल कंपनियों के दस्तावेज इडी को सौंपे गये
तीन दिनों तक चली आयकर विभाग की रेड के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, जिसमें बताया गया कि आयकर विभाग की छापेमारी में 100 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी मिली है। आयकर विभाग की टीम ने झारखंड में 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी रांची, गोड्डा, बेरमो, दुमका, जमशेदपुर, चाइबासा के अलावा बिहार के पटना और उत्तरप्रदेश के गुरुग्राम और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में हुई थी। इस जांच में शेल कंपनियों की अहम जानकारियों के साथ-साथ इन कंपनियों के जरिए पैसों के लेनदेन के भी सुराग मिले थे। आयक विभाग ने इस छापेमारी में प्राप्त अहम दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी ईडी को सौंपी है। छापेमारी मुख्य रूप से कांग्रेस विधायक अनूप सिंह, प्रदीप यादव, विधायकों के करीबियों, शाह ब्रदर्स और अन्य के यहां की गयी थी।
लौह अयस्क खनन कारोबारी पर भी गंभीर आरोप
आयकर विभाग ने जिन 50 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, उसमें एक ग्रुप लौह अयस्क खनन कारोबारी शाह ब्रदर्स का भी था। शाह ब्रदर्स ने अगस्त 2020 में झारखंड सरकार के खान विभाग में जो मासिक रिटर्न भरा था, उसके अनुरूप उसके करमपदा खान में 3.50 लाख टन लौह अयस्क मौजूद था। इसके बावजूद खनन लीज रद्द होने के बाद अधिकारियों की मिलीभगत से शाह ब्रदर्स ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से 5.70 लाख टन लौह अयस्क बेचने की अनुमति ली।कर चोरी के लिए इन लोगों ने नकद में भुगतान किया और उत्पादन भी कम दिखाया। यही नहीं, बड़ी राशि का उपयोग अचल संपत्ति खरीदने में भी किया गया। ठेका लेने वाले समूहों ने भी नियमित रूप से खातों का रखरखाव नहीं किया।