• टीटीडी ट्रस्ट ने कहा : 10.3 टन सोना और 16 हजार करोड़ रुपये बैंकों में जमा

आजाद सिपाही संवाददाता
तिरुपति। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने पहली बार मंदिर की कुल संपत्ति की घोषणा की है। शनिवार को श्वेत पत्र जारी किया गया है, जिसमें बताया गया कि मंदिर का करीब 5,300 करोड़ का 10.3 टन सोना और 15,938 करोड़ रुपये नकद राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा है। तिरुपति मंदिर की कुल संपत्ति 2.26 लाख करोड़ की है।
2019 के बाद से सोना और नकदी में हुई वृद्धि : ट्रस्ट के कार्यकारी अधिकारी एवी धर्म रेड्डी ने बताया है कि वर्तमान ट्रस्ट बोर्ड ने 2019 से अपने इन्वेस्टमेंट गाइडलाइंस को मजबूत किया है। 2019 में कई बैंकों में 13,025 करोड़ नकद था, जो बढ़ कर 15,938 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले तीन सालों की इन्वेस्टमेंट में 2,900 करोड़ की वृद्धि हुई है। वहीं ट्रस्ट के शेयर किये गये बैंक-वाइस इन्वेस्टमेंट में 2019 में टीटीडी के पास 7339.74 टन सोना जमा था, जो पिछले तीन सालों में 2.9 टन जोड़ा बढ़Þ गया।
आंध्र सरकार की सिक्योरिटीज पर फंड इन्वेस्ट करने का दावा : टीटीडी ने कुछ सोशल मीडिया रिपोर्ट्स को गलत बताया, जिसमें दावे किये जा रहे थे कि ट्रस्ट के चेयरमैन और बोर्ड ने फंड आंध्रप्रदेश सरकार की सिक्योरिटीज पर इन्वेस्ट किया है। टीटीडी ने कहा कि ऐसा नहीं किया गया, बल्कि बचे हुए फंड को शेड्यूल्ड बैंकों में इन्वेस्ट किया जाता है। एक प्रेस रिलीज जारी कर ट्रस्ट ने कहा कि श्रीवारी के भक्तों से अनुरोध है कि वे इस तरह के झूठे प्रचार पर विश्वास न करें। बैंकों में जमा किया गया नकद और सोने का इन्वेस्टमेंट बहुत ही पारदर्शी और सही तरीके से किया जाता है। यहां बालों का दान किया जाता है : मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ जाता है, उसके सभी दु:ख देवी लक्ष्मी खत्म कर देती हैं। इसलिए यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाल छोड़ जाते हैं।

सिर्फ शुक्रवार को होते हैं पूरी मूर्ति के दर्शन : मंदिर में बालाजी के दिन में तीन बार दर्शन होते हैं। पहला दर्शन विश्वरूप कहलाता है, जो सुबह के समय होता है। दूसरे दर्शन दोपहर को और तीसरे दर्शन रात को होते हैं। भगवान बालाजी की पूरी मूर्ति के दर्शन केवल शुक्रवार को सुबह अभिषेक के समय ही किये जा सकते हैं।
भगवान बालाजी ने यहीं दिये थे रामानुजाचार्य को साक्षात दर्शन : यहां पर बालाजी के मंदिर के अलावा और भी कई मंदिर हैं, जैसे- आकाश गंगा, पापनाशक तीर्थ, वैकुंठ तीर्थ, जालावितीर्थ, तिरुच्चानूर। ये सभी जगहें भगवान की लीलाओं से जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि श्रीरामानुजाचार्य लगभग डेढ़ सौ साल तक जीवित रहे और उन्होंने सारी उम्र भगवान विष्णु की सेवा की, जिसके फलस्वरूप यहीं पर भगवान बालाजी ने उन्हें साक्षात दर्शन दिये थे।

7 हजार 123 एकड़ में फैली कुल 960 प्रॉपर्टीज
दान पाने के मामले में दुनिया का सबसे अमीर मंदिर आंध्र प्रदेश का तिरुमला तिरुपति मंदिर है। मंदिर के पास अलग-अलग जगहों पर 7 हजार 123 एकड़ में फैली कुल 960 प्रॉपर्टीज हैं। यहां चांदी से लेकर कीमती पत्थर, सिक्के, कंपनी के शेयर और प्रॉपर्टी जैसी चीजें भी दान की जाती हैं।
भारत का सबसे धनी मंदिर है तिरुपति बालाजी मंदिर दक्षिण भारत के सभी मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए मशहूर हैं, लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। तिरुपति बालाजी का मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में है। इस मंदिर को भारत का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। यहां पर रोज करोड़ों का दान आता है।

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