रांची। कैश देकर पीआइएल मैनेज करने के केस में जेल की सलाखों में बंद कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते झारखंड हाइकोर्ट की कार्रवाई में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट में मामला लंबित होने के कारण हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता का ऐसा ही एक मामला झारखंड हाइकोर्ट में लंबित है और सुनवाई 30 नवंबर को होनी है। इसलिए हाइकोर्ट को पहले मामले का फैसला करना चाहिए। अमित अग्रवाल ने इस मामले में इडी को प्रतिवादी बनाया था। अमित अग्रवाल ने झारखंड हाइकोर्ट के समक्ष इस आधार पर याचिका दायर की थी कि वह जबरन वसूली मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार के खिलाफ शिकायतकर्ता थे। उनकी शिकायत और कोलकाता पुलिस द्वारा बिछाये गये जाल के बाद राजीव कुमार को 50 लाख रुपये नकद के साथ गिरफ्तार किया गया था। इडी ने उन्हें आरोपी बना दिया। हाइकोर्ट में इडी ने जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है और मामले की सुनवाई 30 नवंबर को होनी है।

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