प्रतिवादी सहित ग्रामीणों के पथराव के जवाब में पुलिस ने फायरिंग भी की
रमना। एस डी एम कोर्ट के आदेश पर वादी बहियार खूर्द निवासी प्रेमनाथ उरांव को जमीन का कब्जा दिलाने पहुंचे अनुमंडल दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की एवं थाना पुलिस पर आक्रोशित लोगों ने पत्थरबाजी करते हुए हमला कर दिया। जिसको काबू करने को लेकर पुलिस को लाठी भाजने के साथ हवाई फायरिंग करना पड़ा। इस झड़प में मजिस्ट्रेट सहित 11 जवान जख्मी हो गए। जिसमे चार पुलिसकर्मी के जवान को अधिक चोटिल होने के कारण तत्काल रमना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।जहां दो जवानों को गंभीर स्थिति को देखते प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। इसकी जानकारी जानकारी देते हुए दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केश नंबर 3/22 में डिग्री धारी प्रेमनाथ उरांव को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंचे थे। जमीन मापी के क्रम में प्रतिवादी द्वारा खुटा गड़ी नही करने को लेकर विवाद शुरू कर दिया। काफी समझाने के बाद भी वे लोग नही माने साथ ही भूमि नापी करने आए कर्मियों पर उग्र होकर अचानक हमला कर दिया । घायलों में दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की,अनुमंडल पुलिस निरक्षक रतन कुमार सिंह,नगर ऊंटरी थाना प्रभारी विकास कुमार,कोट नजीर रवि किशोर सिंह,सहायक आरक्षी विकेश कुमार,पुलिस अवर निरीक्षक रमाकांत यादव,सहायक अवर निरीक्षक अरुण कुमार रजक,पुलिस जवान नरेंद्र कुमार,संजय हेब्रम,विजेंद्र कुमार सिंह,रामदेव उरांव का नाम सामिल है। घटना के बाद किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए बहियार खुर्द घटनास्थल पर महिला पुलिस के साथ जवान को तैनात कर दिया गया। साथ ही पुलिस पर हमला करने वाले एक हमलावर कुलदीप उरांव को पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया है । जबकि अन्य लोग फरार बताए जा रहे हैं।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार वादी प्रेमनाथ उरांव व हरिहर उरांव सहित अन्य के साथ वर्ष 1996 से भूमि का विवाद चल रहा था। जिसके बाद प्रेमनाथ उरांव को एस डी एम कोर्ट के द्वारा जायज ठहराते हुए डिग्री दे दी गई साथ ही अनुमंडल दंडाधिकारी अजय कुमार तिर्की को भूमि पर कब्जा दिलाने का आदेश दिया गया था।जिसका दखल कब्जा कराने को लेकर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अपने दलबल के साथ पहुंचे थे। लेकिन प्रतिवादी हरिहर उरांव,सुरेश उरांव संजय उरांव,लालदेव उरांव, रामेश्वर उरांव,राजमोहन उरांव, छोटू उरांव,राममोहन उरांव,राजेश्वर उरांव एवं केश्वर उरांव आदि द्वारा विवाद खड़ा करते हुए पुलिस के साथ झड़प शुरू कर दी और स्थिति गंभीर हो गई।