रांची : रांची पुलिस के एक अधिकारी ने जेल में रेड पड़ने से पहले मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल से मुलाकात की थी. पुख्ता सूत्रों के मुताबिक, इडी के अधिकारियों के खिलाफ साजिश रचने के लिए रांची पुलिस के एक बड़े पुलिस अधिकारी से मदद मांगी गयी थी. इस बातचीत से संबंधित एक आॅडियो भी ईडी के हाथ लगी है. आॅडियो क्लिप की जांच के बाद ईडी जल्द इस बड़ी साजिश का पदार्फाश कर सकती है. वहीं इडी रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है, ताकि इस बात की जानकारी मिल सके कि रांची पुलिस के किस अधिकारी ने प्रेम प्रकाश व अमित अग्रवाल से मुलाकात की. इडी के अधिकारीयों के खिलाफ जेल की सलाखों के पीछे से रची जा रही इस साजिश को ईडी ने बड़ी गंभीरता से लिया है और इस पूरे प्रकरण की जानकारी केंद्र सरकार को भी दी गयी है.
ईडी के अधिकारियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की रची जा रही थी साजिशसूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झारखंड में लैंड स्कैम, बालू के अवैध कारोबार , शराब टेंडर में हुए कथित घोटाले और अवैध खनन जैसे करोडों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ईडी के अधिकारियों को फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश रची जा रही थी . ईडी के एक अफसर को धुर्वा थाना द्वारा एसटी-एससी केस में आरोपित करने के बाद एक बार फिर नये सिरे से एक गंभीर आरोप में फंसाने की साजिश जेल से रची जा रही थी. जानकारी के अनुसार, एक महिला को इडी के अधिकारीयों के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन एजेंसी को सही समय पर इसकी सूचना मिल गयी. इस मामले में ईडी द्वारा कई अहम तथ्य और साक्ष्य जुटाये गये हैं. सूत्र बताते हैं कि इस साजिश में अवैध खनन और जमीन घोटाले में शामिल प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल समेत कई दूसरे कैदियों की भूमिका थी. सूचना यह भी है कि जेल में बंद आरोपियों को जेल प्रशासन और बाहर से भी मदद पहुंचायी जा रही थी.