अयोध्य। सरयू नदी के जरिए अयोध्या की विकास यात्रा को गति देने के लिए योगी सरकार अब बड़े स्तर पर कार्य करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। गंगा और यमुना जैसी प्रमुख नदियों के साथ ही सरयू, चंबल, बेतवा आदि नदियां भी अब प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेंगी। गुरुवार को अयोध्या में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने यूपी इनलैंड वॉटर वे अथॉरिटी के गठन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। आगामी विधानमंडल सत्र के दौरान अथॉरिटी को मंजूरी मिल जाएगी। माना जा रहा है कि अथॉरिटी के गठन के बाद अयोध्या में वॉटर ट्रांसपोर्ट और वॉटर टूरिज्म की अनंत संभावनाएं मूर्तरूप लेती दिखेंगी।
अयोध्या के विकास में सरयू निभाएंगी बड़ी भूमिका
योगी सरकार अयोध्या के कायाकल्प की राह पर तेजी के साथ कदम बढ़ा रही है। अयोध्या की विकास यात्रा में अब सरयू नदी पर वॉटर ट्रांसपोर्ट को गति देने का काम भी शुरू होने जा रहा है। अयोध्या को जहां वर्ल्ड क्लास सिटी के रूप में डेवलप किया जा रहा है, वहीं सरयू नदी के किनारे भी तमाम परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं। इन सबके बीच सरयू और इसके तटीय क्षेत्र को पर्यटन और यातायात के केंद्र में लाकर योगी सरकार अवधपुरी के विकास के पूरे ईको सिस्टम को और मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
सरयू किनारे पर्यटन की दृष्टि से हो रहे ये बड़े कार्य
सरयू नदी पर पहले से ही पर्यटकों और श्रद्धालुओं को जलयान भ्रमण का आनंद सुलभ कराने के लिए ”जटायु क्रूज सेवा” संचालित है। इसके अलावा गुप्तार घाट से जानकी घाट तक के विकास और सुंदरीकरण के कार्य हो रहे हैं। वहीं सरयू तट पर स्थित जमथरा में राम अरण्य की की भी तैयारी है, जहां श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास की कथाओं को विभिन्न माध्यमों से सजीव किया जा रहा है। इसके अलावा सरयू के समीप ही माझा जमथरा में 25 एकड़ भूमि पर मंदिर संग्रहालय देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन आकर्षण होगा।
प्रदेश ये नदियां राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में हैं सूचीबद्ध
उल्लेखनीय है कि यूपी में पहले से ही नेशनल वॉटरवे वन क्रियाशील है। प्रयागराज से हल्दिया तक लगभग 1600 किलोमीटर से भी लंबे देश के इस सबसे बड़े जल राजमार्ग के जरिए उत्तर प्रदेश आज सीधे सीधे पूर्वी बंदरगाह से जुड़ चुका है। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में 11 नदियां (गंगा, असि, बेतवा, चंबल, गंडक, सरयू (घाघरा), गोमती, कर्मनाशा, टोंस, वरुणा और यमुना) राष्ट्रीय जलमार्ग जलमार्ग के रूप में सूचिबद्ध है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि यूपी इनलैंड वॉटर वे अथॉरिटी के गठन के बाद इन सभी राष्ट्रीय जलमार्गों का उपयोग शुरू किया जाए, जिससे जल यातायात आधारित रोजगार का सृजन तो होगा ही साथ ही लोगों को सस्ती और सुलभ ट्रैफिक सिस्टम का भी लाभ मिलेगा।

