रांची। सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा को चुनौती दे डाली है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि इस झारखंडी के शरीर में बहुत हड्डियां हैं। झारखंड विरोधी भाजपा 23 नवंबर के दिन अंतड़ी गिन लेना। झारखंडी कभी किसी को परेशान नहीं करता और अगर कोई परेशान करे तो फिर उसे छोड़ता नहीं है।
सभी बहनों के खातों में चली गयी मंईयां सम्मान की चौथी किस्त
सीएम ने दूसरे पोस्ट में लिखा कि मंईयां सम्मान की चौथी किश्त सोमवार को सभी बहनों के खातों में चली गयी है। चुनाव प्रचार के दौरान मुझसे मिलकर धन्यवाद देने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आयी हुई थीं। कहने लगी कि हमारे संकुल को 87 लाख रुपये मिला है, और सभी महिलाओं को मंईयां सम्मान की राशि मिल रही है। इससे महाजनों से अत्यंत महंगे कर्ज लेने से मुक्ति मिली है। झामुमो को ही जीत दिलवाना है। वे कहती भी हैं कि हमलोग चुनाव पर चर्चा करने के लिए बैठक रखना चाहते थे, प्रभात फेरी निकाल के लोगों से वोट देने की अपील करना चाहते थे। लेकिन सर बोले कि चुनाव आयोग ने जेएसएलपीएस से जुड़ी किसी भी महिला को मतदाता जागरुकता के काम में शामिल नहीं करने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग पर आ गयी हंसी
सीएम ने कहा कि महिलाओं की बात सुनकर मुझे चुनाव आयोग पर हंसी आ गयी। आखिर किन-किन को रोकोगे तुम? जिन-जिन के लिए हम काम किये हैं, उनको रोक दोगे, उन पर भरोसा नहीं करोगे? हमारी सरकार ने जेएसएलपीएस से जुड़ी 30 लाख बहनों को 11 हजार करोड़ का क्रेडिट लिंकेज दिया है। 53 लाख महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना से जोड़ा है। 12 हजार अभी मिल रहा है और दिसंबर से 30 हजार मिलेगा। 9 लाख बेटियों को किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा है। 18 वर्ष से अधिक उम्र की लाखों बेटियां इस बार मुझे समर्थन देने बूथ पर पहुंचने वाली हैं।
40 लाख वृद्ध, विधवा, दिव्यांग को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा
सीएम हेमंत सोरेन ने आगे लिखा कि 40 लाख वृद्ध, विधवा, दिव्यांग को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा है, विधवा पेंशन की उम्र को हमने घटाया है, अब महिलाओं को वृद्धा पेंशन 50 वर्ष से ही मिल रहा है। आने वाले समय में हम पेंशन की राशि को 2500 प्रति महीना कर रहे हैं, मतलब मंईयां सम्मान की तरह इनको भी सलाना 30 हजार। महिला छात्रावास, महिला डिग्री कॉलेज सब हमने प्रारंभ किया है।
महिलाएं अपने इरादों की हैं पक्की
भाजपा और उसकी एजेंसियों को समझना होगा कि महिलाएं अपने इरादों की पक्की होती हैं। उनसे ज्यादा न तो कोई कष्ट सह सकता है और न ही कोई प्यार कर सकता है। जन्म देते समय का दर्द सहने वाली और बच्चे को लाड़-प्यार से बड़ा करने वाली महिलाएं हैं। इनके त्याग, इनके समर्पण, इनके प्रेम को मेरा प्रणाम। ये जिसे अपना मान लेती हैं, उसके लिए पूरा जीवन कुर्बान कर देती हैं। इस बार झारखंड की बहन, बेटी, मां, चाची, दादी अपने उस बेटे के साथ खड़ी हैं, जो इन्हें अपना मानकर इनके लिए काम किया है। जेल में तुम डाल सकते हो, नारी शक्ति को चुनाव कार्य से दूर रख सकते हो, लेकिन वोट देने से कैसे रोकोगे?