रांची। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घुसपैठ मामले पर एक बार फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर कर कहा है कि झारखंड में अवैध घुसपैठ राज्य और देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। राज्य का खुफिया विभाग ये स्वीकार कर चुका है कि मदरसों और मस्जिदों में बांग्लादेशी मुसलमानों को पनाह देकर उनके पहचान पत्र और आधार कार्ड तैयार किये जा रहे हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार ने न्यायालय में झूठा शपथ पत्र दिया। घुसपैठ के तथ्यों को छिपाकर उच्च न्यायालय को गुमराह किया है।

संथाल में बस चुके हैं हजारों जमाई टोले
बाबूलाल ने आगे लिखा कि संथाल परगना में रोहिंग्या मुसलमानों के हजारों जमाई टोले बस चुके हैं। रांची डाल्टनगंज मार्ग (ब्रांबे, मांडर, चान्हो, मदरसा, कूड़ू) और रांची गुमला मार्ग (पिस्का, नगड़ी, इटकी, सिसई) में सैकड़ों अवैध मस्जिद-मदरसे खड़े हो गये हैं। लोहरदगा की स्थिति अत्यंत नाजुक हो चुकी है। इन इलाकों में पर्व त्यौहार मनाना, शादी विवाह करना तक दुश्वार हो गया है। घुसपैठिए हमारे भाई नहीं हो सकते। अवैध रूप से झारखंड में रह रहा हर बांग्लादेशी मुसलमान राज्य के लिए, हमारी संस्कृति के लिए, हमारे आदिवासी समाज के लिए और हमारी रोटी- बेटी- माटी के लिए बड़ा खतरा है। ये घुसपैठिए गरीब कामगार भाइयों का रोजगार छीन रहे हैं, आदिवासी बेटियों को लव जिहाद में फंसाकर उनका शारीरिक शोषण कर रहे हैं। जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और हमारे पर्व त्यौहार में विघ्न उत्पन्न कर रहे हैं। भगवान बिरसा के सपनों का झारखंड बनाने के लिए, रोजगार और नौकरी के पर्याप्त अवसर के लिए, पारदर्शी परीक्षा के लिए, युवाओं को न्याय दिलाने के लिए, आदिवासी समाज के अस्तित्व को बचाने के लिए, माटी-बेटी-रोटी की रक्षा के लिए घुसपैठियों और उनके सरपरस्तों को यहां से खदेड़ना होगा।

सीएम पर कसा तंज, आदिवासियों की जमीनों को औने-पौने दामों पर खरीद कर उनको ठगा
बाबूलाल ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि हेमंत सोरेन ने आदिवासियों की जमीनों को औने-पौने दामों पर खरीद कर उन्हें ठगने का काम किया है। कांग्रेस शासनकाल में एचइसी समेत जितनी भी कारखाने स्थापित हुए, उसके कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गयी। राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी को झारखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए। आदिवासी समाज के मान-सम्मान और अभिमान को वापस दिलाने के लिए परिवर्तन जरूरी है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version