नई दिल्ली। भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की दो दिवसीय बैठक बुधवार को मानेकशॉ सेंटर में ख़त्म हुई। इस बैठक में क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण आदान-प्रदान, रक्षा औद्योगिक सहयोग और पारंपरिक तथा अन्य खतरों से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करने वाले संयुक्त अभ्यासों की प्रगति सहित कई विषयों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने सक्रिय जुड़ाव और बढ़ी हुई अंतरसंचालनीयता के माध्यम से इस रणनीतिक रिश्ते को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू ने की। अमेरिका का प्रतिनिधित्व यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड ने किया। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर चल रही पहलों की समीक्षा करके सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाया। दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समक्ष आने वाली गतिशील चुनौतियों के विरुद्ध भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग के दायरे का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह एक ऐतिहासिक मंच है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग तथा रणनीतिक और परिचालन रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की यह बैठक क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने, उभरते खतरों का मुकाबला करने और पारस्परिक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए भारत और अमेरिका के साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करती है।