गुमला। गुमला में सीएम हेमंत सोरेन ने जेएमएम की ओर से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी भूषण तिर्की के समर्थन में जनसभा की। सोरेन ने कहा कि लोकतंत्र के महापर्व का बिगुल फूंका जा चुका है। इस राज्य में हम यूसीसी और एनआरसी नहीं लागू होने देंगे। यहां यूसीसी और एनआरसी की नहीं, सीएनटी और पेसा कानून की बात होगी। कहा कि बहुत सारे लोग नहीं जानते हैं कि हमारे सरकार का अभी एक महीने का कार्यकाल बाकी ही है। लेकिन चुनाव आयोग ने चुनाव की घोषणा कर दी। हमें पूरा काम नहीं करने दिया। लेकिन कोई बात नहीं। हम इससे भी अधिक मजबूती से सरकार बनायेंगे। इस बार हमारे साथ गठबंधन कांग्रेस, राजद और सीपीआइएमल भी हैं। हम पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।
सीएम ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी है, तब से इसे गिराने का प्रयास किया जा रहा है। फिर सरकार बनते ही कोरोना का काल भी आ गया। लगभग ढाई साल तक इसका असर रहा। केंद्र सरकार ने ऐसा फरमान जारी कर दिया कि कोई घर से बाहर नहीं निकल सकता। हाट, बाजार, गाड़ी मोटर सब बंद हो गया। ऐसा केंद्र का ही आदेश था। इस समय हमारी सरकार नयी-नयी बनी थी।
समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें क्या न करें। न अस्पताल का पता न दवाई का पता। कोरोना का काल झारखंड के लिए अभिशाप की तरह था। हमारे पास साधन भी नहीं थे। गरीब राज्य के लिए ये एक नयी मुसीबत थी। हेमंत ने कहा कि लेकिन हमने कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए रात दिन काम किया। कहा कि हम चौकीदार की तरह चौकस हो कर राज्य पर नजर बनाये रखे। सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता को हमने बचा लिया लेकिन इसकी कीमत भी हमको चुकानी पड़ी। कुर्बानी देनी पड़ी।
कोई भूखा न रह जाये कोई मर ना जाये, इसके लिए हमारे मंत्री और लोग गांव-गांव जाते रहे। हम सब लोग निरीक्षण में जाते थे। इस कोरोना की लड़ाई में हमारे दो मंत्री हमारे बीच नहीं रहे। एक हाजी हुसैन अंसारी और दूसरे जगरनाथ महतो। कोरोना की लड़ाई में हमने इनको खो दिया। लेकिन जनता का नुकसान नहीं होने दिया।
सोरेन ने कहा, आपने सुना होगा कि पड़ोसी राज्य बिहार और यूपी में दफनाने के लिए जमीन नहीं मिल रही थी। शवों को जलाने के लिए लकड़ी कम पड़ गयी। ऐसे हालत हमने झारखंड में नहीं आने दी। कहा कि कोरोना के बाद हमने बड़ी लकीर खींचने का काम किया। लेकिन इस बीच साजिश करके हमें जेल में डाल दिया गया। लेकिन आप सभी के आशीर्वाद से मैं फिर से यहां खड़ा हूं।
हेमंत ने कहा कि उड़न खटोले से विपक्ष और बीजेपी के नेता राज्य में गिद्ध की तरह मंडरा रहे हैं। लेकिन विकास की हमारी रफ्तार रुकनी नहीं चाहिए। अगर ये रुका तो बहुत मुश्किल हो जायेगी। उन्होंने आगे कहा कि यहां से कुछ ही दूर छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को यहां झारखंड में माइनिंग का ठेका दे दिया गया। ये लोग जंगल काट रहे हैं। आदिवासियों को विस्थापित कर रहे हैं। जो आदिवासी नहीं मान रहे हैं उनको नक्सली बताकर जेल में डाल में देंगे। इससे सावधान रहने की जरूरत है। अंत में उन्होंने 13 नवंबर को भूषण तिर्की के पक्ष में मतदान की अपील की।