मुजफ्फरपुर। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सोमवार को मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस और राजद पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस बिहार के विकास के ग्रहण हैं, जिन्होंने राज्य की पहचान को तार-तार कर दिया था।

योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि 1992 से 2005 के बीच बिहार जातीय हिंसा, अपहरण और माफिया राज से त्रस्त था। उस दौरान बिहार में जाति के नाम पर समाज को बांटने का गंदा खेल खेला गया था, जिसने राज्य को नरसंहारों और अपराध की आग में झोंक दिया। उन्होंने याद दिलाया कि राजद शासनकाल में 60 से अधिक जातीय नरसंहार की घटनाएं हुईं और 30 हजार से ज्यादा अपहरण हुए।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बिहार में कोई व्यापारी, डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी या बच्चा तक सुरक्षित नहीं था। गोलू अपहरण कांड इसकी याद दिलाता है कि बच्चे भी सुरक्षित नहीं थे। उस समय शाम छह बजे के बाद राज्य में कर्फ्यू जैसा माहौल बन जाता था। पटना उच्च न्यायालय को यह कहना पड़ा था कि सरकार का संचालन गुंडों के द्वारा किया जा रहा है। उस दौर में गरीबों को राशन नहीं मिलता था, लेकिन 900 करोड़ का चारा घोटाला कर दिया गया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जातीय हिंसा, रोड चोरी, तालाब चोरी, पुल चोरी और बूथ चोरी, यही था राजद का विकास मॉडल। उन्होंने आरोप लगाया कि खानदानी लुटेरों ने खानदानी माफियाओं को जन्म दिया और आज वही लोग फिर से बिहार को उसी अंधेरे में ले जाना चाहते हैं।

योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि आज राज्य नई पहचान गढ़ रहा है। आज बिहार रेलवे, एयर और वाटर कनेक्टिविटी से जुड़ रहा है। मखाना जैसे उत्पाद अब वैश्विक बाजार तक पहुंच रहे हैं। बिहार के पास अब आईआईएम, एम्स, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की श्रृंखला है। यहां के किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है, व्यापारी को सुरक्षा की गारंटी और उद्यमी को निवेश की सुविधा प्राप्त हो रही है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों पर धर्म और विरासत विरोधी राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या लालू एंड कंपनी या कांग्रेस कभी अयोध्या में राम मंदिर या सीतामढ़ी में मां जानकी मंदिर का निर्माण करवा सकती थी? यह काम केवल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के नेतृत्व में ही संभव हुआ है।

योगी आदित्यनाथ ने गांधीजी के तीन बंदरों का उदाहरण देते हुए कहा कि गांधीजी ने सिखाया था, बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो, लेकिन आज इंडी गठबंधन के तीन बंदर पप्पू, टप्पू और अप्पू बिहार को फिर से पहचान के संकट में झोंकना चाहते हैं। एक सच देख नहीं सकता, एक सुन नहीं सकता और एक बोल नहीं सकता। यूपी मॉडल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश में माफिया का उपचार बुलडोजर से कर दिया। अब न अपराध है, न दंगा, यूपी में सब चंगा है! उन्होंने कहा कि अब राजग ही बिहार को चंगा करेगा और स्वर्णिम बिहार बनाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिहार का नौजवान बेहद प्रतिभाशाली है, जिसने दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि अब फिर से अंगड़ाई लेने का वक्त है, बिहार के विकास को रोकने वाले ग्रहणों, राजद और कांग्रेस को सत्ता से दूर रखना होगा।

सभा के अंत में उन्होंने कहा कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।’ राजग ही सुरक्षा, समृद्धि, विरासत और विकास का प्रतीक है। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि 6 नवंबर को होने वाले चुनाव में रंजन कुमार को भारी बहुमत से विजयी बनाकर भेजें।

इस अवसर पर सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी, उत्तर प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, महापौर निर्मला साहू, मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा के जिलाध्यक्ष विवेक कुमार, जिला प्रभारी रमेश श्रीवास्तव, मुकेश शर्मा, हरिमोहन चौधरी, धर्मेन्द्र कुशवाहा, रामेश्वर कुशवाहा, रामबाबू कुशवाहा, डॉ. मोनालीसा, फेकूराम, दीपक बंका, रंजीत साहनी, विकास गुप्ता, नंद किशोर, चुलबुल साही और राजग के प्रत्याशी रंजन कुमार मौजूद रहे।

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