वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नवंबर में हुए चुनावों में कथित हस्तक्षेप को लेकर रूस के खिलाफ उठाए गए दंडात्मक कदमों के लिए वाशिंगटन के खिलाफ पलटवार न करने को लेकर वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सराहना की है। ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “(पुतिन द्वारा) तत्काल कोई कदम न उठाने की बेहतरीन सोच.. मुझे हमेशा से पता था कि वह काफी समझदार हैं।’’ पूर्व में रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल जैसे को तैसा की तर्ज पर कोई कार्रवाई करने से इंकार कर दिया था।
नवंबर में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने जीत दर्ज की थी और वाशिंगटन ने रूस पर ‘अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास’ करने का आरोप लगाया है। पुतिन के अपने विदेश मंत्री ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा बृहस्पतिवार को 35 रूसी खुफिया एजेंटों को निष्कासित करने और अमेरिका में दो रूसी परिसरों को बंद करने के बाद अमेरिका के 35 अधिकारियों को निष्कासित कर जैसे को तैसा जवाब देने की सलाह दी थी। 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने जा रहे ट्रंप लगातार पुतिन की तारीफ करते रहे हैं।
एफबीआई और सीआईए ने भी यही निष्कर्ष निकाला था कि इस साल हिलेरी के खिलाफ ट्रंप को फायदा पहुंचाने के लिए क्रेमलिन के आदेशों के तहत डेमोक्रेटिक पार्टी संगठनों के ई-मेल के लीक होने तथा हैकिंग पर रूसी खुफिया एजेंसियों की नजर थी। पूर्व में नवनिर्वाचित ट्रंप ने रूस के साइबर दखल के संबंध में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का उपहास उड़ाते हुए कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि हमला किसने किया था। ट्रंप लंबे समय से इन आरोपों को डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति की ओर से रिपब्लिकन जीत को गौण करने का एक प्रयास कहते रहे हैं। बुधवार को उन्होंने देश से ‘बड़ी और बेहतर चीजों’ की ओर बढ़ने की अपील की थी लेकिन उन्होंने कहा कि वह अगले सप्ताह इस मामले के ‘‘तथ्यों की जानकारी हासिल करने के लिए’’ खुफिया अधिकारियों से मिलेंगे। हालांकि ट्रंप पहले ही चुनाव संबंधी खुफिया जानकारी हासिल कर चुके हैं और सार्वजनिक तौर पर भी पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। ऐसे में, उनका खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों से मिलने का यह संकल्प उन्हें अपने रूख को नरम दिखाने का एक अवसर भी प्रदान कर सकता है। राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी के निदेशक जेम्स क्लैपर सांसदों के समक्ष अमेरिका पर साइबर खतरों के संबंध में गवाही देने के लिए पेश होंगे।