रांची: रांची बिरसा मुंडा कारा में हत्या कांड के सजायाफ्ता कैदी शमीद अली उर्फ सब्बू (31) की जेल में संदेहास्पद हाल में मौत हो गयी। घटना शुक्रवार शाम छह बजे की है। जब जेल प्रशान के लोग सब्बू के शव को लेकर रिम्स पहुंचे और उसके परिजनों को फोन कर घटना की जानकारी दी। जानकारी मिलते ही परिजन काफी संख्या में रिम्स पहुंचे और सबसे पहले कैदी वार्ड गये। जहां उन्हें बताया गया कि सब्बू की मौत जेल में ही हो चुकी थी, इस कारण उसके शव को अमरजेंसी के बाहर ही रखा गया है। जब परिजन वहां पहुंचे तो जेल से आये पुलिसकर्मी परिजनों को हल्ला करते देख वहां से फरार हो गये। परिजनों को देर रात तक मौत के कारणों का पता नहीं चला पाया।

घरवालों को किया था फोन
गुरुवार को दिन के करीब 3 बजे शमीद ने जेल के अंदर स्थित एसटीडी बूथ से घर वालों को फोन किया था। फोन पर अपनी मां और पिता से बात की और ठंड के कपड़े और कुछ फल लाने को कहा था।
जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। हंगामा कर रहे युवकों ने बताया कि जिस परवेज की हत्या के आरोप में शमीद जेल में था, उसके भाई तनवीर और जावेद लगातार शमीद को जेल में मरवाने की धमकी दे रहे थे। हालांकि उसके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाये गये हैं।

हत्याकांड में हुई थी उम्रकैद की सजा
हिंदपीढ़ी के बंशी चौक निवासी शमीद को लोअर बाजार पुलिस ने तीन वर्ष पहले जेल भेजा था। अल्बर्ट कॉलेज के पास मोहम्मद परवेज को गोली मार कर हत्या करने के आरोप में शमदी और मुन्ना को जेल भेजा गया था। दोनों को कोर्ट से उम्र कैद की सजा भी सुनायी गयी थी। दोनों बेल के लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे थे।

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