रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना रांची की ओर से मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में गुरुवार को जिलास्तरीय कस्तूरबा संगम में खाने की व्यवस्था को देख समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास मंत्री लुइस मरांडी बिफर पड़ीं। कस्तूरबा संगम के उद्घाटन के बाद स्टेडियम परिसर में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की प्रतिभागी छात्राओं के लिए बन रहे खाने की जगह का उन्होंने निरीक्षण किया। वहां गंदे चादर पर रखे चावल (भात) पर मंडरा रहीं मक्खियों को देख आग बबूला हो गयीं। कैटरर को बुलवाकर उन्होंने चेतावनी दी और खाने को ढककर रखने का निर्देश दिया। सवालिया अंदाज में कहा कि गांव-गरीब की लड़कियां हैं, इसलिए ऐसा करते हैं। मंत्री की चेतावनी भरी बातों को सुनकर भोजन की व्यवस्था देखने वाले की बोली बंद थी। मंत्री की फटकार सुनकर शिक्षा विभाग की पदाधिकारियों के पास भी कोई जवाब नहीं था।
प्रति छात्रा खाने का 200 रुपये का बजट
जिलास्तरीय कस्तूरबा संगम में प्रत्येक विद्यालय से 56 प्रतिभागी, वार्डन एवं एक शिक्षिका को मिलाकर 58 व्यक्तियों को शामिल होना था। प्रत्येक छात्रा पर बजट का प्रावधान किया गया था। भोजन मद में 200 रुपये प्रति व्यक्ति, स्टेशनरी में 150 रुपये प्रति विद्यालय, पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र के लिए 450 रुपये प्रति प्रतिभागी, टेंट साउंट सिस्टम के लिए 20 हजार रुपये, विविध खर्च के रूप में 10 हजार रुपये का प्रावधान किया गया था।
छात्राएं हुर्इं बेहोश
कस्तूरबा संगम में जिले के 13 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राएं, वार्डन एवं अन्य कर्मी पहुंचे थे। यहां न तो मेडिकल कर्मी की तैनाती थी और न ही मेडिकल किट का प्रबंध था। दौड़ प्रतियोगिता में भाग ले रहीं छात्राओं को, मैदान में कंकड़ रहने से काफी परेशानी हुई। खाली पैर दौड़ रहीं आधे दर्जन छात्राएं गिर पड़ीं। वहीं बुंडू की छात्रा संगीता कुमारी सहित दो अन्य छात्राएं बेहोश हो गयीं।