लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी(सपा) में एक बार फिर रार बढी है,लेकिन इस बार यह टिकट बंटवारे को लेकर है। रार इस कदर बढ गयी है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थक बगावत पर उतारु नजर आ रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कल 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। सूची में मुख्यमंत्री के तीन नजदीकी मंत्रियों रामगोविन्द चौधरी, अरविन्द सिंह गोप और तेज नारायण उर्फ पवन पाण्डेय समेत 40 से अधिक विधायकों के टिकट काट दिये गए थे। इनमें ज्यादातर अखिलेश यादव समर्थक बताये जाते हैं।
विधायकों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके आवास गये। मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अपने छोटे भाई शिवपाल यादव को भी वहीं बुला लिया। तीनों की करीब डेढ घंटे बैठक हुई। बैठक में कोई हल निकलता नहीं दिखा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ फिर बैठक की।
बैठक समाप्त होने के बाद मलिहाबाद से विधायक इन्दल सिंह ने कह दिया, “मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उम्मीदवारों की अपनी सूची अभी थोडी देर में जारी करेंगे। बैठक से निकले तेज नारायण उर्फ पवन पाण्डेय ने यहां तक कह दिया कि मुख्यमंत्री ने अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर चुनाव लडने के लिए कह दिया है।”
हर तरफ सूची के ही बारे में चर्चा हो रही थी। काफी देर बाद पता चला कि फिलहाल कोई सूची जारी होने नहीं जा रही है लेकिन चर्चा थी कि मुख्यमंत्री ने अपने समर्थक टिकटार्थियों को अपने अपने क्षेत्र में जाकर तैयारी करने के लिए कह दिया है। सूची जारी होने की अफवाह को कई लोग दबाव की राजनीति भी बता रहे हैं। उनका कहना है कि सूची जारी होने की बात कर अखिलेश समर्थक पार्टी अध्यक्ष पर दबाव बनाकर कुछ बदलाव कराना चाहते होंगे।
इस बीच, कडाके की ठंड के बावजूद जिन विधायकों का टिकट कटा है उनके समर्थक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के सामने जमा हो गए। वे दिन भर अखिलेश यादव के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री पार्टी की घोषित सूची में बदलाव कराएंगे।
गत अक्टूबर में यादव परिवार में हुए विवाद के बाद कार्यकर्ता और विधायक दो खेमों में बंटे नजर आए थे। एक खेमा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का था तो दूसरा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव का। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक कौशल का ही नतीजा था कि उस समय सब कुछ ठीकठाक हो गया, लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर एक बार फिर गुटबाजी तेज हो गयी है। मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच चली मैराथन बैठक के बावजूद कोई हल नहीं निकला लेकिन मुख्यमंत्री के कई नजदीकियों को कहते सुना गया कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) रामगोविन्द चौधरी को टिकट देने के लिए राजी हो गये हैं।