गोड्डा। झारखंड के गोड्डा में एक सिरोफिना सोरेन नाम की महिला ने बंजर जमीन पर लगभग 50 एकड़ में लेमन घास की खेती करके गांव के आदिवासी परिवारों को संपन्नता की राह दिखाई है। दरअसल गोड्डा जिले के सदर प्रखंड के कदवा गांव में आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ बंजर पड़ी भूमि, जहां कभी एक मुट्ठी अनाज नहीं उपज पाया लेकिन अब यहां चारों तरफ हरियाली ही हरियाली नजर आ रही है और इस हरियाली को बंजर भूमि पर लाने का काम इसी गांव की एक शिक्षित आदिवासी महिला सिरोफिना सोरेन ने कर दिखाया।
पचास एकड़ बंजर भूमि जमीन पर उपजी ये घास जो कहीं भी कम लागत में लगाकर अधिक मुनाफा देकर जाती है और इसे मवेशी भी नहीं खाते. सिरोफिना ने बताया कि उन्होंने इस खेती को देहरादून में देखा था जिसके बाद उन्होंने इसकी खेती कदवा गांव में भी कर डाली।
सिरोफिना ने अपने ससुराल के शुरुआती दौर में अपने वर्षों से बंजर पड़ी लगभग बीस एकड़ में इस लेमन घांस को लगवाया उसके बाद धीरे धीरे लोगों को जब बंजर भूमि पर घांस उगती नजर आई, तो उन्होंने भी सिरोफिना की मदद से अपनी अपनी जमीन पर घांस की बुवाई कर दी। इस तरह आज तीस लोगों द्वारा 50 एकड़ में घांस को लगवाया गया है।
इतनी मात्रा में घांस को देखते हुए देहरादून की कंपनी ने सिरोफिना को एक प्रोसेसिंग मशीन उपलब्ध करवाई जिससे घांस से तेल निकलने लगा और लोगों की आमदनी में और बढ़ोतरी हो गयी है। सिरोफिना के इस प्रयोग के बाद इस गांव के युवाओं को गांव में रोजगार मिलने से जहां एक तरफ खुशी है, तो वहीं गांव के बुजुर्ग भी लेमन घांस की पैदावार और प्रोसेसिंग होने से काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं।