चामराजनगर। यहां स्थित महादेश्वरा हिल सलुरु मठ के महंत और उसके तीन सहयोगियों को प्रसाद में जहर मिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 14 दिसंबर को यहां एक मंदिर के शिलान्यास के समय बांटा गया प्रसाद खाने के बाद 15 लोगों की मौत हो गयी थी। पुलिस की जांच में पता चला कि भक्तों को मारने की साजिश रची गयी थी। इसके लिए महंत और उसके सहयोगियों ने प्रसाद में 15 बोतल कीटनाशक मिलाया था।

हत्या और हत्या की कोशिश का आरोप
आइजी केवी शरत चंद्र ने बताया कि 52 साल के महंत पट्टदा इम्मादि महादेश्वरा स्वामी उर्फ देवन्ना बुद्धि और उसके तीन सहयोगियों (एक महिला, उसका पति और एक दोस्त) को गिरफ्तार किया गया है। इन पर हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। अक्टूबर में ट्रस्ट ने मठ में गोपुरम (विशाल प्रवेश द्वार) बनवाने का फैसला किया। महंत को इसके बारे में बताया गया। वह इसे तमिलनाडु के आर्किटेक्ट से बनवाना चाहता था। महंत का कहना था कि इस पर डेढ़ करोड़ रुपये का खर्च आयेगा।

महंत पर एक बार फिर पैसा कमाने का आरोप लगा। ट्रस्ट ने उसकी योजना को खारिज कर दिया। कहा कि यह पैसे की बर्बादी होगी। ट्रस्ट ने इसके बदले में 75 लाख रुपये में एक मंदिर बनवाने का फैसला किया। 14 दिसंबर को इसी मंदिर के शिलान्यास का कार्यक्रम था। पुलिस का कहना है कि अपमान का बदला लेने के लिए पुजारी ने शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान प्रसाद में जहर मिलाने की साजिश रची। 35 साल की एक महिला ने कथित तौर पर पुजारी को 15 बोतल कीटनाशक लाकर दिया। महिला के पति और दोस्त ने उसे प्रसाद में मिला दिया। आइजी ने कहा कि अभी कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। फिलहाल 22 अफसरों और 40 पुलिसकर्मियों की टीम ने छह दिन में मामला सुलझा लिया।

शरत चंद्र के मुताबिक- अप्रैल 2017 तक महादेश्वरा मठ महंत देवन्ना बुद्धि के नियंत्रण में था। उसने इससे काफी पैसा बनाया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने मंदिर का ट्रस्ट बनाया। इससे महंत नाराज था। उसकी कमाई बंद हो गयी थी। मंदिर पर नियंत्रण को लेकर अंदरूनी कलह होने लगी थी।

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