रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक फैसले ने राज्य के छह लाख परिवारों में जश्न का माहौल पैदा कर दिया है। ये परिवार कह रहे हैं कि उन्हें इस सरकार ने नये साल का गिफ्ट दिया है और अब उनके सामने फाकाकशी की नौबत नहीं आयेगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे के भीतर अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में पारा टीचरों, आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं, मनरेगा कर्मियों और अनुबंधकर्मियों के बकाया भुगतान का आदेश दिया। राज्य भर के उपायुक्तों से कहा गया है कि वे विभागीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर विशेष शिविर लगायें और इन तमाम लोगों के बकाये का भुगतान करें।
हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले के बाद सोमवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों से जश्न मनाये जाने की खबरें मिली हैं। कई जगहों पर पारा टीचरों, मनरेगा कर्मियों और आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने आभार प्रदर्शित करने के लिए जुलूस निकाला। पारा टीचरों और सेविका-सहायिकाओं ने सोमवार को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात भी की और उनका आभार व्यक्त किया।
कितने लोग हुए लाभान्वित
हेमंत सोरेन सरकार के इस फैसले से 70 हजार से अधिक पारा टीचरों को लाभ मिला है। स्कूली शिक्षा की धुरी बन चुके इन पारा टीचरों को दो से तीन महीने का मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। इनके अलावा 80 हजार से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। राज्य में करीब सात हजार मनरेगा कर्मी हैं, जिनका दो महीने का मानदेय बकाया है। साथ ही सरकारी स्कूलों में बच्चों का मिड डे मील बनानेवाली 80 हजार रसोइयों को भी दो से तीन महीने का मानदेय बकाया है। विभिन्न सरकारी विभागों में करीब तीन लाख अनुबंध कर्मियों को भी दो से तीन महीने से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है।
राज्य में व्यवस्था की रीढ़ बन चुके इन कर्मियों को विभिन्न कारणों से मानदेय नहीं मिल रहा है। ऐसे में सैकड़ों ऐसे कर्मियों के घर में चूल्हा तक नहीं जल रहा था और उनके सामने फाकाकशी की नौबत आने लगी थी। उन्हें कहीं से कर्ज या उधार भी नहीं मिल रहा था। हेमंत सोरेन सरकार ने इन सभी को बड़ी राहत दी है।
आभार जताया
झारखंड राज्य अनुबंध कर्मचारी महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष विक्रांत ज्योति ने हेमंत सोरेन सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मानदेय नहीं मिलने से अनुबंधकर्मी बेहद परेशान थे। पहली ही कैबिनेट में जिस तरह से हेमंत सरकार ने अनुबंधकर्मियों के कल्याण की दिशा में पहल की है, इससे अब लगने लगा है कि यह सरकार पारा टीचर समेत तमाम अनुबंधकर्मियों की मांगों को लेकर संवेदनशील है। विक्रम ज्योति ने कहा कि सरकार के इस फैसले के लिए छह लाख अनुबंधकर्मियों के परिवार की ओर से बहुत-बहुत आभार।