नयी दिल्ली। थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया है। केंद्र सरकार ने रविवार को ही सीडीएस के पद के लिए उम्र की सीमा बढ़ायी है। वह 31 दिसंबर को सेनाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके स्थान पर मनोज मुकुंद नरवाणे नये सेनाध्यक्ष का पद संभालेंगे।

क्यों पड़ी सीडीएस की जरूरत
कारगिल युद्ध के दौरान वायुसेना और भारतीय सेना के बीच में तालमेल का अभाव साफ दिखाई दिया। वायुसेना के इस्तेमाल पर तत्कालीन वायुसेनाध्यक्ष और सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक की राय जुदा थी। भारतीय सामरिक रणनीतिकारों ने भी इस कमी को महसूस किया और सरकार से पुन: सीडीएस के गठन की सिफारिश की। यह पद सरकारी नेतृत्व के लिए सैन्य सलाहकार की भूमिका के तौर पर जरूरी है। हालांकि राजनीतिक पार्टियों और सैन्य बलों ने इसका विरोध किया है। कुछ लोगों को लगता है कि एक व्यक्ति के पास ज्यादा सैन्य शक्तियां होना संकेंद्रण समस्या को जन्म दे सकती है। 2015 में तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इसके गठन की बात की थी।

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