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    Home»Top Story»172 अफसरों के विरुद्ध जल्द रिपोर्ट सौंपेगी सीबीआइ
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    172 अफसरों के विरुद्ध जल्द रिपोर्ट सौंपेगी सीबीआइ

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 7, 2019No Comments3 Mins Read
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    रांची। सेकेंड जेपीएससी के 172 अफसरों के विरुद्ध सीबीआइ अपनी रिपोर्ट न्यायालय को जल्द सुपुर्द करेगी। इधर, राज्य में काम करनेवाले अधिकारियों को प्रोन्नति देने की तैयारी की गयी थी। एक सीनियर अधिकारी ने संबंधित फाइल पर यह सवाल खड़ा कर दिया था कि इन सबकी नियुक्ति विवाद में है और इसकी जांच सीबीआइ कर रही है। तय किया गया कि इस पूरे मामले पर सीबीआइ से ही पत्राचार कर जानकारी ली जाये। सीबीआइ ने यह जवाब दिया है कि सेकेंड जेपीएससी की अनियमितताओं की जांच जारी है। इस संबंध में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गयी है। सीबीआइ सूत्रों की मानें, तो जल्द ही पूरी गड़बड़ी पर रिपोर्ट सीबीआइ निदेशक और कोर्ट को सौंप दी जायेगी। सूत्र बताते हैं कि सेकेंड जेपीएससी में 90 फीसदी से अधिक अफसर प्रारंभिक परीक्षा में ही फेल हैं। जेपीएससी ने पीटी से संबंधित दस्तावेज सीबीआइ को उपलब्ध नहीं कराये थे। बाद में सीबीआइ ने जेपीएससी परिसर के कूड़ेदान से कई कॉपियां जब्त कीं, जो सबूत के तौर पर कोर्ट को सुपुर्द की जानी है। पैरवी और पेशगी के बल पर नियुक्ति की गयी है, इसकी भी पुष्टि हो चुकी है। सीबीआइ ने इस पूरे मामले को बड़ा मेधा घोटाला माना है।
    जेपीएससी की 16 परीक्षाओं में हुई है धांधली: राज्य बनने के बाद झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा शुरुआत में ली गयी 16 प्रतियोगिता परीक्षाओं में जमकर धांधली हुई है। सीबीआइ जांच में इसका खुलासा हुआ है। फिलहाल सात मामलों की जांच अंतिम चरण में है। इसमें प्रथम जेपीएससी के अलावा द्वितीय जेपीएससी, व्याख्याता नियुक्ति, कनीय अभियंता नियुक्ति, खनन पदाधिकारी नियुक्ति, शिक्षक नियुक्ति, शामिल हैं। सीबीआइ ने माना है कि इन नियुक्ति परीक्षाओं में मेधा सूची में भारी गड़बड़ी की गयी है। एक बड़े राजनेता का कुक झारखंड में अफसर है। उसे एसडीओ के पद पर प्रोन्नति भी दे दी गयी है।
    क्या बताया है अफसर ने: पाकुड़ के अमरापाड़ा के रहनेवाले अधिकारी प्रहलाद रजक ने इस पूरे मामले में उस समय की निगरानी आयुक्त राजबाला वर्मा और डीजीपी नियाज अहमद को एक पत्र लिखा था। यह पत्र अब सीबीआइ के हाथ लगा। डीडीसी के पद पर सेवानिृत्त हुए प्रहलाद रजक ने लिखा था कि जेपीएससी की परीक्षाओं में इंटरव्यू बोर्ड में रखा गया था। जब इंटरव्यू था उसके पहले आयोग के अध्यक्ष दिलीप प्रसाद सिन्हा, सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह, राधा गोविंद सिंह और शांति देवी ने उन्हें चैंबर में बुलाया था। कहा था कि अभी विधानसभा का सत्र चल रहा है। इंटरव्यू में सभी वर्गों, जाति एवं संप्रदायों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। चयन मेरिट पर होना चाहिए, जाति के आधार पर नहीं।
    आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्य चाहते थे कि 200 नंबर के इंटरव्यू में 120 नंबर की ही मार्किंग की जाये। 80 नंबर जेपीएससी के अफसर खुद देंगे। उन्होंने यह भी लिखा है कि दो मौकों पर उनके द्वारा आपत्ति जतायी गयी थी कि जो सफल हो रहे हैं, उनमें से एक शांति देवी का रिश्तेदार है, दूसरा गोपाल सिंह के इलाके के किसी आदिवासी विधायक का रिश्तेदार है। उन्होंने लिखा था कि बाद में पता चला कि इस नियुक्ति परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। सीबीआइ के अधिकारियों ने जांच के दौरान जब इस पत्र को हासिल किया, तो प्रतियोगिता परीक्षाओं में की गयी गड़बड़ी का पूरा खुलासा हो गया।

    क्या मिला सीबीआइ को
    जेपीएससी प्रथम एवं द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में भारी गड़बड़ी पायी गयी है। अंक पत्रों में छेड़छाड़ की गयी है। तीन ऐसे मामले पाये गये हैं, जिसमें अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे ही नहीं। जिस विषय की परीक्षा उन्होंने दी नहीं, उसमें भी अंक दे दिये गये।

    CBI will soon submit a report against 172 officers
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