अजय शर्मा
रांची। सियासत की बुलंदियों ने उन्हें विनम्र और व्यावहारिक बना दिया है। पिछले पांच दिनों में ही लोगों ने उन्हें बड़ों के सामने शीश झुकाते, हमउम्र लोगों के साथ गर्मजोशी के साथ मिलते और मुलाकातियों से बेहद अदब के साथ पेश आते देखा है। ये हैं हेमंत सोरेन। झारखंड के नामित मुख्यमंत्री। उनके करीबी बताते हैं कि विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद शायद ही किसी रोज वह तीन से चार घंटे की नींद ले पाये हैं। अहले सुबह से घर पर मुलाकातियों का तांता लगा हुआ है, लेकिन वह हर किसी से अपनी चिरपरिचित मुस्कान के साथ मिल रहे हैं।
पिछले तीन दिन से हेमंत सोरेन के घर का दरवाजा आम लोगों के लिए खुला है। झारखंड में 19 सालों में दस मुख्यमंत्री बने। हेमंत 11वें होंगे, लेकिन कभी सीएम आवास में ऐसा हुजूम नहीं था। हेमंत भी सभी आने वालों से मिल रहे हैं। शुक्रवार सुबह से ही लोगों का तांता लगा था। एक-एक कर लोग अंदर जा रहे थे। कोई चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे रहा था तो कोई सेल्फ ी ले रहा था। हेमंत के आवास में आये लोगों को यह लगा कि यहां तो सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है। हेमंत तो आम लोगों के लिए हैं। चापूटोली से आयी शांति गाड़ी प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठी थीं। उम्र 55 पार होगी। हेमंत से मिलने के लिए उत्सुक थीं। वह कहती हैं, मिलकर ही जाऊंगी। उनकी लंबी उम्र की कामना करूंगी। अपने बेटे को आशीष दूंगी। वह हमारा राजा बेटा है। हेमंत सोरेन के सरकारी आवास की पार्किंग हर किसी के लिए खोल दी गयी है। सड़क पर भी वाहनों की कतार थी।
ऐसा ही हुजूम कमोबेश झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के आवास में भी था। वहां भी लोग पहुंच रहे थे। लोगों को पहली बार यह महसूस हो रहा था कि उनकी अपनी सरकार अब झारखंड में बनेगी। लोग उम्मीद जता रहे थे कि जिस तरह से बंपर जनादेश मिला है, हेमंत उसका सम्मान करेंगे और लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। हेमंत सोरेन में संस्कार कूट-कूट कर भरा है। वह मिलने वालों से कह रहे हैं कि अब बुके मत दो, इसके बदले बुक दो। हेमंत सोरेन के साथ सेल्फी लेनेवालों की भी लाइन सुबह से देर रात तक लगी रहती है।
ट्विटर पर खूब हो रही तारीफ
भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा लोगों से फूलों का गुलदस्ता के बदले किताबें देने का आग्रह किये जाने पर ट्विटर पर खूब सराहना की जा रही है। दर्जनों उपयोगकर्ताओं ने हेमंत सोरेन के इस आग्रह को राजनीतिज्ञों के लिए अनुकरणीय बताते हुए कहा है कि दूसरे राजनीतिज्ञों को झामुमो के इस युवा नेता से सीख लेनी चाहिए।