Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, June 6
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»बैटिंग के साथ-साथ फील्डिंग भी कर रहे रघुवर
    Top Story

    बैटिंग के साथ-साथ फील्डिंग भी कर रहे रघुवर

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskDecember 3, 2019No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    जंग छोटी हो या बड़ी, जंग लड़ रहे हर व्यक्ति की ख्वाहिश यही होती है कि उसे फतह नसीब हो। पर जंग मेंं किसी के हिस्से जीत का सेहरा आता है तो किसी के हिस्से हार की बेबसी। इस विधानसभा चुनाव में झारखंड की राजनीति के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इनमें मुख्यमंत्री रघुवर दास से लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा और रामचंद्र सहिस समेत अन्य के नाम शामिल हैं। चक्रधपुर सीट पर विपक्ष ने इतनी कड़ी घेराबंदी की है कि लक्ष्मण गिलुआ यहां घिर कर रह गये हैं। यही वजह है कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के बाद भी वे अन्य प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में सहयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वे अन्य प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार नहीं करना चाहते, पर परिस्थितियों का चक्रव्यूह कुछ ऐसा रचा गया है कि वे अपनी सीट पर ही फोकस करना उचित समझ रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी टेंशन से दूर अपनी सीट के साथ दूसरे उम्मीदवारों की सीट पर भी चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इस चुनाव में भाजपा और आजसू के दिग्गज नेताओं की चुनौतियों पर नजर डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।

    लक्ष्मण गिलुआ अपने ही क्षेत्र में कर रहे फोकस
    डर बहुत बुरी चीज होती है और अपनी जीती सीट से हारने का डर तो इतना भयावह होता है कि यह मंत्री हों या विधायक, सबकी नींद उड़ा देता है। दूसरे चरण की जिन 20 सीटों पर सात दिसंबर को मतदान होना है, वहां सीटिंग विधायकों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं लक्ष्मण गिलुआ। बीते लोकसभा चुनाव में चाईबासा सीट पर पराजय झेलने के बाद विधानसभा चुनाव में सतर्क हैं कि अपने विधानसभा क्षेत्र चक्रधरपुर से बाहर झांकने तक की फुर्सत तक नहीं निकाल पा रहे हैं। वे पार्टी के अन्य प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में समय नहीं दे पा रहे हैं। इस मामले में अपवाद के रूप में मुख्यमंत्री रघुवर दास नजर आ रहे हैं। अपनी सीट पर चुनावी जमीन मजबूत करने के साथ वे दूसरी सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं। यह स्थिति तब है, जब जमशेदपुर पूर्वी सीट पर उनकी सरकार में मंत्री रह चुके सरयू राय उनके खिलाफ मैदान में हैं और उन्हें चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस के गौरव बल्लभ और झाविमो के अभय सिंह के कूदने से बीते चुनावों की तुलना में प्रतिस्पर्धा का स्तर कुछ बढ़ गया है, पर मुख्यमंत्री को अपने कार्यों का इतना भरोसा है कि अपने क्षेत्र में बैटिंग करने के साथ वे अन्य प्रत्याशियों के लिए भी फील्डिंग कर रहे हैं। रघुवर दास अपने क्षेत्र के अलावा हर दिन दूसरे विधानसभा क्षेत्रों मेें दो से तीन सभाएं कर रहे हैं।
    जमशेदपुर पूर्वी सीट के बाद राजनीति के पंडितों की निगाहें जिस सीट पर दिलचस्पी के साथ जमी हुई है, उसमें चक्रधरपुर सीट का नाम आता है। यहां से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ चुनाव के मैदान में हैं। वे बीते लोकसभा चुनाव में चाईबासा से हार गये थे। इसके बाद वे पूरी शिद्दत से चक्रधरपुर की जनता का दिल जीतने में लगे हुए हैं। हालांकि वे पहले यहां से जीत हासिल कर चुके हैं, लेकिन इस बार झामुमो और आजसू की तगड़ी घेरावंदी के कारण वे अपने गढ़ में घिर कर रह गये हैं। यह चुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में हार की टीस मिटाने के लिए यहां से उनका जीतना जरूरी है।
    उधर सिसई सीट पर मैदान में उतरे विधानसभाध्यक्ष दिनेश उरांव के समक्ष झामुमो के जिग्गा सुसारण होरो और झारखंड विकास मोर्चा के लोहरमइन उरांव चुनौती पेश कर रहे हैं। बीते चुनाव में उन्होंने झामुमो प्रत्याशी को हराया था। राज्य बनने के बाद इस सीट से भाजपा तीन बार जीत हासिल कर चुकी है, लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि इस सीट पर इस बार दिनेश उरांव के लिए पनघट की डगर आसान नहीं है। हालांकि उन्होंने चुनाव अभियान में खुद को पूरी शिद्दत से झोंक रखा है।
    नीलकंठ के सामने चुनौती पेश कर रहे सुशील और दयामनी
    दूसरे चरण के चुनाव में जनता के साथ राजनीति के पंडितों की निगाहें खूंटी सीट पर भी टिकी हुई हैं। रघुवर सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा यहां से पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए चुनाव के मैदान में हैं। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने झामुमो के जिदन होरो को 21,515 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार उन्हें झामुमो के सुशील पाहन और झाविमो की दयामनी बारला की ओर से कड़ी चुनौती मिल रही है। मुकाबला कठिन होने के कारण नीलकंठ इस सीट पर जनता का दिल जीतने के लिए एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं। यह सीट उनके लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, इसलिए वे कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे।
    सहिस की कोशिश बची रहे अपनी सीट
    जुगसलाई सीट पर आजसू विधायक और रघुवर सरकार में जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बीते विधानसभा चुनाव में उन्होंने झामुमो के मंगल कालिंदी को हराया था। इस सीट पर भाजपा ने मुचीराम बाउरी को उनके खिलाफ मैदान में उतारा है, पर असली चुनौती उन्हें झामुमो के मंगल कालिंदी से मिल रही है। इस क्षेत्र के बाटा चौक निवासी रविप्रकाश कहते हैं कि हमारे नेता के पास न तो कोई विजन होता है और न वे हमारी बातें सुनने के लिए आते हैं। वे सिर्फ चुनाव के समय नजर आते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। वहीं महावीर प्रसाद कहते हैं कि यह देश का दुर्भाग्य है कि यहां आठवीं और नौवीं पास भी विधायक तथा मंत्री बन जाते हैं। ऐसे में बेहतर निर्णय वे कैसे ले सकते हैं। जब उनकी अपनी ही समझ बेहतर नहीं होगी तो वे दूसरे का भला कैसे करेंगे। जुगसलाई सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है और रामचंद्र सहिस पूरी ताकत से अपनी सीट बचाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में यहां परिणाम क्या निकलता है इसपर सबकी निगाहें रहेंगी।
    इसी तरह चाईबासा सीट पर इस बार झामुमो और भाजपा के बीच सीट बचाने और छीनने की लड़ाई है। झामुमो जहां इस सीट पर हैट्रिक बनाने में जुटी हुई है, वहीं भाजपा की कोशिश यह सीट झामुमो से छीनने की है। झामुमो ने इस सीट पर तीसरी दफा दीपक बिरुआ को चुनाव के मैदान में उतारा है। वहीं, उनके मुकाबले में भाजपा ने पूर्व आइएएस अधिकारी ज्योति भ्रमर तुबिद को मैदान में उतारा है। वे दूसरी बार यहां से चुनाव के मैदान में हैं। इस बार जेबी तुबिद के लिए मुकाबला कड़ा है, क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। वे एक बार यहां से हार चुके हैं और दूसरी हार उनके राजनीतिक भविष्य के लिए अच्छी नहीं होगी, इसलिए वे पूरी ताकत से चुनाव के मैदान में हैं। वहीं, झाविमो से यहां चांदमनी बलमुचु चुनाव के मैदान में हैं। चाईबासा हो आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां गोप, गौड़, प्रधान, अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटर हैं। यहां के दो प्रखंड टोंटो और झींकपानी आज भी पिछड़े हुए हैं और गरीबी, पलायन तथा मानव तस्करी यहां गंभीर समस्या है। झींकपानी में एसीसी सीमेंट के कारखाने को छोड़कर यहां कोई दूसरा कारखाना नहीं है।

    Raghuvar is also fielding along with batting
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleराहुल को शाह का चैलेंज- मैदान में आ जाओ
    Next Article झारखंड का बेटा ही राज्य को संवार सकता है : सुदेश
    azad sipahi desk

      Related Posts

      मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल

      June 6, 2025

      अलकतरा फैक्ट्री में विस्फोट से गैस रिसाव से कई लोग बीमार, सड़क जाम

      June 6, 2025

      लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि

      June 5, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री ने चिनाब रेलवे पुल का किया उद्घाटन, वंदेभारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
      • मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल
      • अलकतरा फैक्ट्री में विस्फोट से गैस रिसाव से कई लोग बीमार, सड़क जाम
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version