अजय झा
दुमका। संताल परगना के तीन ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां के विधायक सूबे में मंत्री हैं। सारठ के विधायक रणधीर सिंह कृषि मंत्री हैं, मधुपुर विधायक राज पलिवार श्रम मंत्री हैं जबकि दुमका विधायक लुईस मरांडी मौजूदा राज्य सरकार में कल्याण मंत्री हैं। इन तीनों को अपनी सीटें बरकरार रखने के लिए इस बार कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। मधुपुर सीट पर पिछले तीन चुनावों से भाजपा और झामुमो की सीधी टक्कर होती रही है। पिछले चुनाव में राज पलिवार झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी को शिकस्त देकर विधानसभा पहुंचे थे। इस बार हाजी हुसैन अंसारी तो मैदान में है ही, झाविमो ने सहीम खान और आजसू ने गंगा नारायण राय को भी उतारकर मुकाबला चतुष्कोणीय बना दिया है।
सारठ विधानसभा सीट पर रणधीर सिंह को इस बार झाविमो के प्रत्याशी उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह और झामुमो के परिमल कुमार सिंह उर्फ भूपेन सिंह से कड़ी चुनौती मिलने के आसार हैं। 2014 के झारखंड विधानसभा चुनाव में सारठ विधानसभा सीट से झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक के उम्मीदवार के रूप में रणधीर कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्हें कुल 62717 वोट पड़े थे। वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के उदय शंकर सिंह को 48816 मत पड़े थे। इस बार रणधीर भाजपा के प्रत्याशी हैं जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे उदय शंकर सिंह झाविमो के प्रत्याशी हैं। दुमका सीट की बात करें तो यहां रघुवर सरकार की कल्याण मंत्री लुईस मरांडी को झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से टक्कर मिलेगी। पिछले चुनाव में लुईस मरांडी ने हेमंत सोरेन को यहां हराया था। हेमंत इस बार अपनी हार का बदला लेने के लिए पूरी ताकत झोंकेंगे।
इन मंत्रियों का पिछला इतिहास
2014 में जब चुनाव हुआ था तो मधुपुर से हाजी हुसैन अंसारी दूसरे नम्बर पर थे। राज पलिवार ने 6884 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं सारठ से जेवीएम प्रत्याशी रणधीर सिंह ने चुन्ना सिंह को 13901 मतों से मात दी थी। यहां चुन्ना सिंह दूसरे नम्बर के खिलाड़ी थे। जबकि दुमका में लुईस मरांडी ने हेमंत सोरेन को 5262 मतों से मात दिया था। सारठ के रणधीर सिंह और दुमका की लुईस मरांडी पहली बार विधायक बने और सरकार में मंत्री बने। राज दो बार विधायक रह चुके हैं। यूं देखा जाये तो मधुपुर और दुमका में कोई बिशेष मार्जिन नहीं है। अभी से सभी नेता हवा बनाने में लगे हैं।