नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 20वां दिन है। इस प्रदर्शन का असर तीन राज्यों की इकोनॉमी पर पड़नी शुरू हो गई है। एसोसिएटेड चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (ASSOCHAM) ने दावा किया है कि किसानों के प्रदर्शन से हर दिन 3500 करोड़ रु. का नुकसान हो रहा है। इससे पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की इकोनॉमी पर को नुकसान हो रहा है। इन राज्यों की अर्थव्यवस्था इंटरकनेक्टेड है। किसानों के आंदोलन से ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर असर पड़ा है और सप्लाई चेन टूट गई है। इससे देश भर में फल और सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं।

यह ऐसे समय में हुआ है जब देश में लॉकडाउन खुलना शुरू हो रहा है। इसका खामियाजा किसानों, कस्टमर्स और इंडस्ट्रीज को चुकाना पड़ रहा है। चेम्बर के सेक्रेटरी जनरल ने सरकार से जल्द इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। वहीं, किसान यूनियन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। आज दोपहर 3 बजे से किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा की बैठक होगी। इसमें एक हफ्ते की रणनीति पर चर्चा होगी।

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