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    Home»Breaking News»सावधान! भारत में भी प्रवेश कर गया ओमिक्रॉन
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    सावधान! भारत में भी प्रवेश कर गया ओमिक्रॉन

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 3, 2021No Comments6 Mins Read
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    ओमिक्रॉन पर सवार होकर आयी है कोरोना की तीसरी लहर

    पिछले 20 महीने से मानव सभ्यता को लगातार दहशत में रखनेवाली महामारी कोरोना के नये वैरिएंट ने पूरी दुनिया को नयी किस्म के तनाव में धकेल दिया है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में ओमिक्रॉन नामक इस नये वैरिएंट को लेकर अधिक चिंता हो रही है, क्योंकि अब तक जो सूचनाएं सामने आयी हैं, उनके अनुसार वायरस का यह वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक है। ऐसे में यह आशंका भी जतायी जाने लगी है कि महामारी की तीसरी लहर इसी वैरिएंट पर सवार होकर आ रही है। अब भारत के सामने इससे बचने की चुनौती है। कोरोना की पिछली दो लहरों ने देश में जो तांडव मचाया, उसके अनुभव से सीख कर ही इस नये खतरे से निबटा जा सकता है। चिंता की बात यह है कि भारत भी इस वैरिएंट से अछूता नहीं रहा। बेंगलुरू में ओमिक्रॉन प्रवेश कर गया है। जांच में इसके दो मरीज मिले हैं। इसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया है। अब संकट के इस दौर में अब हमें अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। सरकार ने टीकाकरण से लेकर दूसरे उपाय कर दिये हैं, इसकी मदद से हमें कोरोना से लड़ना होगा और देश-समाज को बचाना होगा। भारत हर कौम और हर धर्म के लोगों का है। इसे कोरोना से बचा कर रखना हर कौम की जिम्मेवारी है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो तीसरी लहर की तबाही से भारत को कोई रोक नहीं सकता। कोरोना के नये वैरिएंट और इससे पैदा हुई चुनौतियों को रेखांकित करती आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह की खास रिपोर्ट।

    कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन ने दुनिया के कई देशों सहित भारत की भी चिंता बढ़ा दी है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह कोरोना की तीसरी लहर है। दक्षिण अफ्रीका में पता चले इस वायरस को लेकर डर का माहौल बना हुआ है। कहा जा रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर का कारण बने डेल्टा वायरस से कोरोना का यह नया वैरिएंट ज्यादा घातक, संक्रामक और शक्तिशाली है। कोरोना की दूसरी लहर को झेल चुके देश इस नये वैरिएंट को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। यह नया वैरिएंट कितना संक्रामक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दक्षिण अफ्रीका में एक दिन में ही नये संक्रमितों की संख्या लगभग दोगुनी हो गयी है। वहां के सरकारी आंकड़ों के अनुसार एक दिन पहले देश में संक्रमितों की संख्या 4373 थी, जो 24 घंटे बाद 8561 हो गयी।
    कोरोना की दूसरी लहर के बाद इसकी तीसरी लहर की आशंका भी व्यक्त की गयी थी। हालांकि इस नये वैरिएंट की वजह से तीसरी लहर आयेगी, यह कहना अभी मुश्किल है, लेकिन यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण बन सकता है, ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है।

    पिछले नौ नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में पहली बार इस वैरिएंट का पता चला और अब यह तेजी से फैल रहा है। महज 20 दिनों में अफ्रीका के बाद यूरोप और एशिया समेत यह नया वैरिएंट कई महाद्वीपों तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों की मानें, तो ओमिक्रॉन डेल्टा समेत कोरोना के सभी वैरिएंट से कई गुना ज्यादा संक्रमण क्षमता वाला है। इसलिए लोगों को अभी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। इससे बचाव के लिए दुनिया के कई देशों की तरफ से कड़े कदम उठाये जा रहे हैं।

    दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में भी इस नये वैरिएंट के दो मरीज मिले हैं। नया वैरिएंट पहले से पांच गुणा अधिक खतरनाक है। ओमिक्रॉन का भारत में प्रवेश बेंगलुरू से हुआ है। इसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया है। ओमिक्रॉन से संक्रमित पाये गये 66 साल के बुजुर्ग ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था, जबकि 46 साल के दूसरे मरीज ने ऐसी कोई यात्रा नहीं की थी और वो एक स्वास्थ्यकर्मी है। भारत सरकार ने इस नये वैरिएंट के खतरे को लेकर नये सिरे से कुछ दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। इनकी अनदेखी अब लोगों पर भारी पड़ सकती है। भारत में लोगों ने महामारी की दोनों लहरों में जिस संयम का परिचय दिया, अब उससे थोड़ा अधिक की जरूरत है। सरकार और विशेषज्ञों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन और टीके की दोनों खुराक लेकर ही हम खुद को और समाज को बचा सकते हैं। इसलिए अब इस लहर को रोकने की अधिक जिम्मेवारी लोगों की ही है।

    हालांकि इस बात के अभी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं कि यही वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर लायेगा, लेकिन यह वैरिएंट तीसरी लहर का कारण हो सकता है। इसीलिए हमें लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को इस नये वैरिएंट की वजह से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार यह नया वैरिएंट टीके को भी चकमा दे सकता है, इसलिए चिंता अधिक हो गयी है। हालांकि अब टीके की बूस्टर डोज की तैयारी की जा रही है, लेकिन जब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो जाता, लोगों के सामने सावधानी ही एकमात्र विकल्प है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह वैरिएंट प्रतिरक्षा तंत्र और टीकाकरण से भी बच निकलता है, यानी इन दोनों का इस पर असर नहीं पड़ता है, तो फिर इससे निपटने का तरीका सिर्फ सतर्कता ही है। इसमें मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, भीड़ पर पाबंदी या सीमित करना जैसे अहम एहतियात शामिल हैं।

    ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर चिंता के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आनेवाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जाये। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू की गयीं देशव्यापी पाबंदियों को 31 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। कोरोना की दो लहरों में चार लाख के करीब लोगों को खोने के बाद अब हम कोई जोखिम मोल लेने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए सरकार ने 15 दिसंबर से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की योजना पर ब्रेक लगा दिया है।

    सरकार के ये कदम कठोर प्रतीत हो सकते हैं, लेकिन देश को बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। इससे भी बड़ी बात यह है कि अब इस महामारी के प्रसार को रोकने का जिम्मा पूरी तरह आम लोगों के कंधों पर आ गया है। महामारी की दो लहरों से मिले अनुभवों ने जहां सरकार को स्वास्थ्य के मोर्चे पर काम करने के लिए मजबूर किया, वहीं लोग भी सतर्क रहने लगे हैं। इस सतर्कता को बनाये रखने की जरूरत है, ताकि इस खतरनाक महामारी को परास्त किया जा सके। टीकाकरण की रफ्तार, अनुसंधान की दूसरी सुविधाओं में वृद्धि, सरकार और आम लोगों की गंभीरता से तो अब यह लगने लगा है कि कोरोना महामारी का अंत भारत में ही होगा।

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