रांची। झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने प्रारंभिक वक्तव्य के बाद शीतकालीन सत्र के लिए पीठासीन पदाधिकारियों का मनोनयन और कार्यमंत्रणा समिति का गठन किया। पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने पिछले सत्र के दौरान सदन में सरकार द्वारा दिये गये आश्वासनों पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन की प्रति सभा पटल पर रखा। शोक प्रस्ताव के बाद सभा की कार्यवाही शुक्रवार को पूर्वाह्न ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
सभा की कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि वर्तमान सत्र के दौरान कुल पांच बैठकें निर्धारित हैं। वर्ष 2021-22 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण के व्यवस्थापन के लिए एक दिन, राजकीय विधेयक के लिए दो दिन और गैर सरकारी संकल्प के लिए एक दिन निर्धारित हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि साल 1971में आज ही के दिन भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया था। विजय दिवस पर देश के उन सभी वीर जवानों को नमन है, जिनकी वीरता और बहादुरी सभी को गौरवान्वित करती हैं। उन्होंने कहा कि यह साल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि संसदीय परंपराओं के उत्तरोत्तर विकास के 100 साल भी इस वर्ष पूरे हुए है। सितंबर 1921 में आज से लगभग 100 साल पहले पीठासीन पदाधिकारियों की पहली बैठक का आयोजन शिमला में किया गया था, जो उस समय देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस वर्ष के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए सभा सचिवालय द्वारा युवाओं को संसदीय व्यवस्था के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से झारखंड छात्र-छात्राओं के सदन की कार्यवाही संचालित करने का अवसर प्रदान किया गया था और उन्हें प्रसन्नता है कि इस अभिनव प्रयोग को राज्य में और राज्य के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ समय पहले तक कोरोना वायरस से जूझते हुए आमजन जीवन पटरी पर लौटने लगी थी लेकिन कोरोना वायरस के एक नये रूप ओमीक्रोन के आने से पुनः एक बार उन्हें सचेत होकर विकास की गतिविधियों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का है। इसके लिए सभी को एकजुटता के साथ कार्य करना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के सफल संचालन में सभी सदस्यों की सक्रिय भागीदारी अति आवश्यक है। सभी के सदन में होने से सार्थक विचार-विमर्श और संसदीय मर्यादाओं तथा परंपराओं के पालन से ही संभव हो पाएगा। सभी का यह दायित्व है कि अपने आचरण और व्यवहार को मर्यादित रूप में प्रस्तुत कर सदन के समय का सदुपयोग करने में अपनी सार्थक भूमिका निभाएं, जिससे जनोपयोगी जन सरोकार से संबंधित विभिन्न प्रश्नों को उठाने का अवसर मिल सके।
-पीठासीन पदाधिकारियों का मनोनयन और कार्यमंत्रणा समिति का गठन
विधानसभा अध्यक्ष ने शीतकालीन सत्र के लिए पीठासीन पदाधिकारियों का मनोनयन और कार्यमंत्रणा समिति का गठन भी किया। विधायक स्टीफन मरांडी, रामचंद्र चंद्रवंशी, सीता सोरेन , विरंची नारायण और और नमन विक्सन कोंगाड़ी को वर्तमान सत्र के लिए पीठासीन पदाधिकारी मनोनीत किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यमंत्रणा समिति का भी गठन किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, राजद विधायक दल के नेता सत्यानंद भोक्ता, भाजपा के सीपी सिंह, आजसू पार्टी के सुदेश महतो और निर्दलीय सरयू राय शामिल किये गये हैं। विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में रामेश्वर उरांव, चंपई सोरेन, नलिन सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम, नीलकंठ सिंह मुंडा, प्रदीप यादव, सरफराज अहमद, रामचंद्र चंद्रवंशी और विनोद कुमार सिंह को शामिल किया गया है।
-खास-ओ-आम के निधन पर जताया शोक
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विगत सत्र से अब तक की अवधि में कई राजनेता, कलाकार, समाजसेवी, साहित्यकार और आम नागरिकों के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत, ईचागढ़ के पूर्व विधायक साधु चरण महतो, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सदानंद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नाडिस, प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के निधन पर शोक व्यक्त किया।
सभा अध्यक्ष ने अभिनेता अरविंद त्रिवेदी, महिला अधिकार कार्यकर्त्ता कमला भसीन, जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद दो जवानों और त्रिशूल आरोहरण के दौरान हिमस्खन से चार नौसैनिक तथा उत्तराखंड में नैनीताल जिले में भारी बारिश भारी के दौरान 25 लोगों की असामयिक मृत्यु पर भी शोक जताया। इसके अलावा लातेहार जिले बालूमाथ प्रखंड में करम डाली के विसर्जन के दौरान सात बच्चियों की मौत, गढ़वा तथा पलामू जिले में वज्रपात से सात लोगों की मौत की घटना पर भी शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा के विरंची नारायण, कांग्रेस के आलमगीर आलम, विधायक प्रदीप यादव, आजसू पार्टी के सुदेश महतो, राजद के सत्यानंद भोक्ता, राकांपा के कमलेश कुमार सिंह, भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह और विधायक सरयू राय और अमित यादव ने भी शोक व्यक्त किया। अंत में कुछ पलों के लिए मौन रखने के बाद सभा की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।