रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में आजसू विधायक लंबोदर महतो ने स्टोन क्रशर और बालू की नीलामी नहीं होने से रॉयल्टी नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नीलामी नहीं होने से तीन साल में ढाई हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व नुकसान हुआ है।
इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 2019-20 से 2022- 23 तक 364 खनन पट्टों स्वीकृति दी गई है। वहीं, 2019-20 से नवंबर 2022 तक बालू, पत्थर और अन्य खनिज से 23,445 करोड रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है। सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य में वर्तमान में कुल 563 खनन पट्टे और 559 स्टोन स्टॉक यार्ड संचालित हैं। बालू के श्रेणी -1 के कुल 21 बालू घाट संचालित है।