रांची। पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को फिर दुमका के डीएसपी नूर मुस्तफा को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि दुमका के शिकारीपाड़ा पिनरगड़िया रेलवे साइडिंग पर वर्चस्व की लड़ाई होती रहती है। इसी क्रम में पिस्तौल तानने और मारपीट मामले में मोहम्मद नासिर पर केस दर्ज हो गया। अब सबों को उसकी गिरफ्तारी का इंतजार है, पर उन्हें संशय है कि उसकी गिरफ्तारी होगी भी कि नहीं। संभव है कि एप्पल शेख की तरह मुख्यमंत्री के चहेते डीएसपी नूर मुस्तफा इस नासिर को भी जेल जाने से बचा लेंगे।
ट्राइबल के लिए गुंजाइश नहीं
बाबूलाल मरांडी के अनुसार पिनरगड़िया रेलवे साइडिंग के रैक पॉइंट पर चिप्स लोडिंग की अनुमति केवल सात कारोबारियों को है। ये सभी सभी अल्पसंख्यक हैं। यहां एक भी संताल आदिवासी के लिए गुंजाइश नहीं। इस प्वांइट पर ना तो उनकी जेसीबी चलती है, न चलाने की इजाजत है। ऐसे में हेमंत है तो हिम्मत है का नारा अपराधियों के लिए प्रभावी दिखता है। दुमका में आखिर किसकी हिम्मत बढ़ी हुई है पंकज की, प्रेम की, अमित की, पूजा की, दाहू की, दुबे की, प्रमोद की और मुस्तफा की?