• – आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.8 फीसदी किया
  • – भारत दुनिया की सबसे तेजी गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था

नई दिल्ली/मुंबई । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार 5वीं बार नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में 0.35 फीसदी का इजाफा किया है, जो बढ़कर 6.25 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर के 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। आरबीआई के रेपो रेट में इस बढ़ोतरी से सभी तरह के लोन महंगे और ईएमआई दर में इजाफा होगा।

रिजर्व बैंक गवर्नर ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के बाद बुधवार को इसका ऐलान किया। शक्तिकांत दास ने यहां आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महंगाई के दबाव के मद्देनजर एक बार फिर रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की जा रही है। इसके साथ ही दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी रहने का भरोसा जताया। हालांकि, दास ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

शक्तिकांत दास ने बताया कि डॉलर में मजबूती के साथ अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये में उतार-चढ़ाव सीमित है। चालू खाते का घाटा प्रबंधन योग्य है, जबकि विदेशी मुद्रा भंडार 551.2 अरब डॉलर के संतोषजनक स्तर पर है। उन्होंने कहा कि महंगाई दर मार्च तिमाही में घटकर छह फीसदी से नीचे आएगी, जो चालू वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है। दरअसल, आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो फीसदी के घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर बरकरार रखने की है, जो पिछले 11 महीने से संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर 6.7 फीसदी रही थी।

उन्होंने कहा कि भारत निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। वैश्विक अनिश्चितता के बीच महंगाई पर काबू पाने के लिए यह कदम उठाया गया है। दास ने कहा कि मुख्य महंगाई दर अभी ऊंची बनी हुई है, ऐसे में मौद्रिक नीति के स्तर पर सूझबूझ की जरूरत है। दास की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एमपीसी ने बहुमत के आधार पर नीतिगत दर में वृद्धि का निर्णय लिया। इसमें दास सहित 5 सदस्य ने पक्ष में और एक ने खिलाफ वोट किया। एमपीसी ने मौद्रिक नीति को लेकर उदार रुख वापस लेने पर ध्यान देते रहने का भी निर्णय किया।

दास ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में जीडीपी 4.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। दरअसल दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.3 फीसदी रही थी, जबकि पहली तिमाही में जीडीपी 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी। आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2023-24 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का भी अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी गति से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version