- – केन्द्रीय गृह मंत्री ने मेहसाणा में नई शिक्षा नीति पर की विशेष बात
- – शेठ जीसी स्कूल के 95 वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में शामिल हुए गृह मंत्री
अहमदाबाद। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मेहसाणा के पीलवाई गांव में शेठ जी सी हाईस्कूल में देश की नई शिक्षा नीति का बखान किया। अमित शाह ने कहा कि इसके लागू होने के 25 साल के अंदर भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की खासियत बताई और कहा कि मातृभाषा में शिक्षा देना इसके मूल में है, वहीं व्यवसायिक और कौशल्यवर्द्धन के जरिए युवाओं को रोजगार से जोड़ना लक्ष्य है। अनुसंधान और मौलिक चिंतन के लिए नई शिक्षा नीति को उन्होंने वरदान समान बताया।
मेहसाणा के पीलवाई गांव में शेठ जीसी हाईस्कूल के 95 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में केन्द्रीय मंत्री अमित शाह शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के साथ मिलकर स्कूल के कम्प्यूटर लेबोरेटरी और सोलर सिस्टम का उद्घाटन किया। स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि 95 वर्ष तक यदि कोई संस्था चलती है तो इससे साफ होता है कि इसकी नींव बहुत ही पवित्रता और भावनाओं के साथ डाली गई है। शाह ने कहा कि 95 साल जीना व्यक्ति के लिए बहुत कठिन होता है, इसी तरह इतने वर्षों तक किसी संस्था को चलाने के लिए सातत्वपूर्ण प्रयास, परिश्रम और सामंजस्य बिठाने की जरूरत होती है।
शाह ने देश की शिक्षा नीति और नई शिक्षा नीति के बीच का अंतर भी बताया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के रटे-रटाए शिक्षा और परीक्षा आधारित होने के कारण इसमें तर्क, निर्णय और विचारने की शक्ति का अभाव का कारण बना। तो दूसरी ओर वर्ष 2014 में जिस तरह देश में बदलाव आया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनी तो उन्होंने नई शिक्षा नीति बनाई। यह शिक्षा नीति बहुत लोगों से विचार विमर्श कर बनाई गई।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने इस शिक्षा नीति की कई खासियत गिनाई। उन्होंने कहा कि नई शिक्षण पद्धति में बालक माता की भाषा में पढ़ेगा, बोलेगा और विचार करेगा। इससे अनुसंधान और मौलिक चिंतन में बढ़ावा आएगा। पांच-सात वर्ष के अंदर प्राथमिक और सेकेंडरी की पढ़ाई मातृभाषा में पढ़ाने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही तकनीकी, मेडिकल और उच्च शिक्षा के अंदर भी सभी पाठ्यक्रम देश की सभी मुख्य भाषाओं में भाषांतर कर उपलब्ध कराया जाएगा। भोपाल में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति मौलिक चिंतन तब कर सकता है जब चिंतन करने के विषय को यदि वह अपनी मातृभाषा में पढ़ेगा। देश को आगे ले जाने के लिए जरूरी है कि देश के बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ाई कर सकें। बालकों के अंदर ईश्वर कई क्षमता देता है, नई शिक्षण नीति उसे निखारने का मंच उपलब्ध कराएगा। नई शिक्षा नीति से व्यावसायिक और कौशल वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसमें नीति के तहत बालकों को महीने में 10 दिनों तक बैगलेस पीरियड रहेगा। समारोह में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल समेत स्कूल के ट्रस्टी, दाता समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।