भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को राज्य की हेमंत सरकार को फिर कटघरे में खड़ा किया।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा आगामी 16 एवं 17 दिसंबर को आयोजित होने वाली झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा 2023 को स्थगित किये जाने को हेमंत सरकार की असमर्थता बताया।
उन्होंने कहा कि यह परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी की असमर्थता नहीं है। कहा कि झारखंड में सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को हेमंत सरकार ने फिर एकबार धोखा दिया है।
दरअसल यह सरकार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती। राज्य सरकार की न नीति साफ है न नीयत। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी राज्य सरकार ने रघुवर सरकार द्वारा निकाली गयी वेकेंसी को पूरी तरह रद्द कर दिया था।
कहा कि मुख्यमंत्री जो कुछ नौकरी दे रहे वो रघुवर दास सरकार द्वारा ली गयी परीक्षाओं की है जिसे उनकी सरकार ने न्यायालयों में उलझा दिया। आज जो नियुक्तियां हो रहीं वह सब न्यायालय के आदेश के आलोक में हो रही।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव में युवाओं से प्रतिवर्ष 5 लाख नौकरी देने, बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया, वोट लिया और फिर बेरोजगार बनाकर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अब झारखंड के युवा राज्य सरकार को बेरोजगार बनाने को तैयार हैं।

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