-चाइबासा में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय बैठक
चाइबासा। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति बैठक चाइबासा के पिल्लई हॉल में हुई। इसमें प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जहां दूसरी पार्टी के कार्यकर्ता पिकनिक और छुटियां मना रहे हैं। वहीं इतनी बड़ी तादाद में आये झारखंड के दूर-सुदूर से जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ता का आना ही कार्यक्रम की सफलता को प्रदर्शित करता है। श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा को तीन राज्यों में जो विजय मिली है, उसमें आदिवासी समाज का बहुत बड़ा योगदान है। तीनों राज्यों में एसटी रिजर्व सीट में भी भाजपा को सीटों में काफी बढ़त मिली है। भाजपा ने आदिवासी समाज की बेटी को देश की राष्ट्रपति बनाया। वहीं छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के बेटे को मुख्यमंत्री बनाया। जहां कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा में एक परिवार के लोग ही सब कुछ बनेंगे, बाकी सामान्य कार्यकर्ता के लिए कुछ बनना स्वप्न जैसा लगता है।
श्री मरांडी ने कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन को बेचने वाले लोग आज अपने आप को झारखंड के हितैषी बनते घूम रहे हैं। शिबू सोरेन अलग राज्य के लिए नहीं, बल्कि पैसा लेने के लिए लड़े। झारखंड अलग के समय शिबू सोरेन सांसद भी नहीं थे। आदिवासी समाज ने अग्रिम पंक्तियों में रहकर झारखंड अलग आंदोलन की लड़ाई लड़ी, लेकिन शिबू सोरेन ने बेचा। अटल जी प्रधानमंत्री बनते ही यहां के आदिवासियों-मूलवासियों की मांग को पूरा करते हुए अलग राज्य दिये। भाजपा नहीं रहती, तो राज्य अलग नहीं हो पाता। राज्य के आदिवासी समाज में हेमंत सरकार से काफी निराशा है।
मोर्चा के कार्यकर्ताओं को गांव के छोटे-छोटे पर्व त्योहार में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए, उसका सहयोग करना चाहिए। कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव लाया गया। भूषण पाठ पिंगुवा ने राजनीतिक प्रस्ताव रखा और प्रस्ताव का समर्थन गीता बलमुचू, बड़कुंवर गागराई, ताला मरांडी ने किया। संचालन महामंत्री बिंदेश्वर उरांव और धन्यवाद ज्ञापन विजय मेलगंडी ने किया।
इनकी रही मौजूदगी
शिवशंकर उरांव, समीर उरांव, निक्की हेंब्रोम, गंगोत्री कुजूर, रामकुमार पाहन, जेबी तुबिद, लक्ष्मण टुडू, मिस्त्री सोरेन, अशोक बड़ाइक, मेनका सरदार, शशि भूषण सामड समेत अन्य मौजूद थे।