विशेष
-पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी अब भी सबसे उपयुक्त उम्मीदवार
-मोदी सरकार के कामकाज से अधिकांश मतदाता पूरी तरह संतुष्ट
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा और इंडी गठबंधन अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही हैं। मुकाबला भाजपा की अगुवाई में एनडीए और कांग्रेस के साथ वाले इंडी अलायंस में होना है। इस चुनाव की संभावनाओं को टटोलने को लेकर देश के अग्रणी न्यूज चैनल एबीपी ने सी-वोटर के साथ मिल कर देशव्यापी सर्वे कराया है। इस सर्वे का नतीजा बताता है कि 2024 में एनडीए भारी बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापस होता दिख रहा है। विपक्षी गठबंधन उसके आसपास भी नहीं है। सर्वे के अनुसार भाजपा उत्तर, पश्चिम और पूर्वी भारत में मजबूत स्थिति में है। वहीं दक्षिण भारत में मामला टाइट है। हालांकि बिहार और पश्चिम बंगाल में एनडीए को पिछली बार के मुकाबले कम सीटें मिल रही हैं। इसके अलावा सर्वे का नतीजा बताता है कि देश के प्रधानमंत्री पद के लिए आज भी नरेंद्र मोदी सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं। एबीपी-सी-वोटर का सर्वे पिछले दो दिन, यानी शनिवार और रविवार से चल रहा है। इसमें राज्यों के साथ क्षेत्रवार सीटों के गणित के बारे में बताया गया है। क्या कह रहा है सर्वे और किसे कितनी सीटें दी गयी हैं, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
देश का माहौल पूरी तरह चुनावी हो चला है। अलग-अलग राजनीतिक दल अपने तरीके से तैयारियों में जुटे हैं, तो समाचार माध्यमों की तैयारी भी समानांतर चल रही है। मीडिया समूह अपने-अपने तरीके से देश के मतदाताओं का मूड भांपने की कोशिश कर रहे हैं। इसके तहत अग्रणी समाचार चैनल एबीपी ने देश की सबसे प्रमुख सर्वे एजेंसी सी-वोटर के साथ एक देशव्यापी सर्वे किया। सभी 543 संसदीय सीटों पर कराये गये सर्वे का नतीजा बता रहा है कि 2024 में भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए लगातार तीसरी बार देश की सत्ता में लौटेगा। सर्वे के नतीजे का विश्लेषण बेहद वैज्ञानिक तरीके से किया गया है।
दक्षिण भारत को छोड़ हर जगह एनडीए आगे
सर्वे का नतीजा बताता है कि उत्तर भारत की 180 सीटों में से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 150 से 160 सीटों पर जीत मिल सकती है। वहीं विपक्षी इंडी गठबंधन को 20 से 30 सीटें मिलने के आसार हैं। इसके अलावा अन्य को 0-5 सीट हासिल हो सकती है। कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भाजपा को कुल 110 सीटों में 82 से 92 सीटों पर जीतता हुआ दिखाया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के खाते में 13 से 23 और अन्य के खाते में 4 से 6 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। महाराष्ट्र, तेलंगाना और पंजाब में कांग्रेस बेहतर करती नजर आ रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल में टीएमसी और बिहार में महागठबंधन शानदार प्रदर्शन करता दिख रहा है। लेकिन जानकारों की मानें, तो महाराष्ट्र में भाजपा के पक्ष में मामला पलट सकता है। वहीं बिहार की बात करें, तो बिहार में इंडी गठबंधन में सब कुछ ठीक दिखाई नहीं पड़ रहा। नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में टूट के संकेत दिखाई पड़ रहे हैं। यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन चुनाव आते-आते तस्वीर पूरी तरह साफ हो जायेगी।
बिहार में महागठबंधन दिख रहा आगे
सर्वे के मुताबिक बिहार में महागठबंधन को जबरदस्त समर्थन मिलता दिख रहा है। महागठबंधन को 43 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा को 39 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। अन्य को 18 फीसदी वोट मिल सकते हैं। सीटों के लिहाज से महागठबंधन को 21 से 23 सीट मिलने का अनुमान है। बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं, जिनमें भाजपा को 16 से 18, इंडी गठबंधन को 21 से 23 और अन्य को 0 से 2 सीटें मिलने का अनुमान है।
मध्यप्रदेश में भाजपा की धमक
सर्वे के अनुसार लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में दोबारा भाजपा के चमकने के आसार हैं। सर्वे में भाजपा हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव वाला प्रदर्शन दोहराती दिख रही है। भाजपा को राज्य में 58 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 36 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ सकता है। मध्यप्रदेश में लोकसभा की कुल सीटें 29 हैं। इसमें से भाजपा को 27 से 29, कांग्रेस को 0 से 2 और अन्य को 0 सीट मिलते दिखाया गया है।
पश्चिम बंगाल में टीएमसी आगे
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस लोकसभा चुनाव में बेहतर करती हुई नजर आ रही है। सी-वोटर सर्वे में टीएमसी को 44 फीसदी वोट मिलने के आसार बताये गये हैं। टीएमसी को 42 में से 23 से 25 सीट मिलने का अनुमान है। भाजपा को 39 फीसदी के साथ 16 से 18 सीटें मिल सकती हैं। अन्य के खाते में नौ फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। इस तरह टीएमसी राज्य में 2019 का प्रदर्शन दोहराती नजर आ रही है। भाजपा वहां कुछ पिछड़ती दिख रही है। कांग्रेस और लेफ्ट को महज 8 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।
महाराष्ट्र में हो सकता है खेल
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल सीटें 48 हंै। सर्वे के अनुसार इसमें भाजपा को 19 से 21, कांग्रेस को 26 से 28 और अन्य को 0 से 2 सीटें मिलने के अनुमान है। लेकिन राजनीति के जानकारों की मानें, तो महाराष्ट्र में भाजपा इससे कहीं ज्यादा सीटें लाने का दमखम रखती है। इसमें इंडी गठबंधन के साथ कोई खेल हो जाये, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हिंदुत्व का मुद्दा महाराष्ट्र में भी चरम पर होगा। भाजपा को इसका पूरा लाभ जरूर मिलेगा।
बाकी राज्यों में क्या है अनुमान
पंजाब में लोकसभा की कुल सीटें 13 हैं। यहां भाजपा को 0 से 2 सीटें , कांग्रेस को 5 से 7, आम आदमी पार्टी को 4 से 6 और अन्य को 0 दिखाया गया है। वहीं कर्नाटक में कुल सीटें 28 है। इसमें से भाजपा को 22 से 24, कांग्रेस को 4 से 6 सीटें और अन्य को 0 सीट मिलती दिखायी गयी है। तेलंगाना में लोकसभा की कुल 17 सीटें हैं। यहां भाजपा को 1 से 3, कांग्रेस को 9 से 11, बीआरएस को 3 से 5 और अन्य को दो सीटें दिखायी गयी हैं। छत्तीसगढ़ में कुल सीट 11 हंै। यहां भाजपा को 9 से 11, कांग्रेस को 0 से 2 और अन्य को 0 सीटें मिलती दिखायी गयी है। वहीं राजस्थान में कुल 25 लोकसभा सीटें हैं। यहां भाजपा को 23 से 25, कांग्रेस को 0 से 2 और अन्य को 0 सीटें मिलती दिखायी गयी है।
झारखंड में भाजपा का दबदबा
झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा का दबदबा कायम रहने की भविष्यवाणी की गयी है। यहां भाजपा को 11 से 13, झामुमो को 0 से 1 और अन्य को 0 से 2 सीट मिलने का अनुमान लगाया गया है। 2019 के चुनाव में भाजपा ने राज्य की 11 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि उसकी सहयोगी आजसू ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस और झामुमो को एक-एक सीट मिली थी।
प्रधानमंत्री पद के लिए देश की पसंद हैं मोदी
सर्वे के अनुसार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी आज भी पहली पसंद बने हुए हैं। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि अगर उन्हें सीधे प्रधानमंत्री चुनना हो, तो किसे चुनेंगे। लोगों ने इस पर चौंकानेवाला जवाब दिया है। इस सवाल के जवाब में 59 फीसदी लोगों ने कहा कि वे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा मौका देंगे। 32 फीसदी लोगों ने कहा कि वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चुनेंगे। चार फीसदी ऐसे भी थे, जिन्होंने कहा कि वे दोनों में किसी को नहीं चुनेंगे। पांच फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब ‘पता नहीं’ में दिया। इसी सर्वे में जब राहुल गांधी के कामकाज को लेकर सवाल किया गया, तो 39 फीसदी ने ‘असंतुष्ट’ बताया। 26 फीसदी ने कहा कि वे ‘बहुत संतुष्ट’ हैं। ‘कम संतुष्ट’ वालों का आंकड़ा 21 फीसदी है। 14 फीसदी लोगों ने इसका जवाब ‘कुछ नहीं पता’ में दिया। जहां तक मोदी सरकार के कामकाज से संतुष्टि का सवाल है, तो देश के 44 फीसदी लोग इस सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं, जबकि 21 फीसदी कम संतुष्ट हैं। 18 प्रतिशत लोगों ने सरकार के कामकाज के प्रति असंतोष जाहिर किया, तो 17 फीसदी लोगों ने ‘पता नहीं’ कहा।