रांची। राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा (झाप्रसे) के दो पदाधिकारियों को अलग-अलग मामले में निंदन की सजा दी है। तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी, बरवाडीह, लातेहार राकेश सहाय को चेतावनी देते हुए को निंदन की सजा दी है। उनके खिलाफ मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही, अनियमितता सहित कई आरोप लगे थे।

उपायुक्त ने फरवरी में उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, डीले पेमेंट सहित अन्य आरोप लगे थे। मामले की जांच के दौरान सभी आरोप पूरी तरह से प्रमाणित नहीं पाये जाने के बाद अब सरकार की स्तर पर उन्हें सिर्फ निंदन का दंड देकर छोड़ दिया गया।

इसी तरह तत्कालीन अंचल अधिकारी, मधुपुर परमेश्वर कुशवाहा को भी निंदन की सजा दी गयी है। उनके खिलाफ देवघर के उपायुक्त ने फरवरी में दाखिल-खारिज के काम में गड़बड़ी, ऑनलाइन लगान भुगतान कार्य में लापरवाही-उदासीनता इत्यादि आरोप लगाए थे। पूरे मामले में दो बार स्पष्टीकरण हुआ। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

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