Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Saturday, June 7
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी : अहमदाबाद में बिना लाइसेंस वाले मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू, पहले दिन 50 मवेशी पकड़े
    राज्य

    भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी : अहमदाबाद में बिना लाइसेंस वाले मवेशियों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू, पहले दिन 50 मवेशी पकड़े

    adminBy adminDecember 1, 2023No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    अहमदाबाद। सड़कों पर भटकते मवेशियों पर नियंत्रण के लिए अहमदबाद में शुक्रवार से लाइसेंस-परमिट के बिना मवेशी रखने पर रोक लग गई है। इसे लेकर अहमदाबाद महानगर पालिका (एएमसी) के सीएनसीडी विभाग ने शहर के कई क्षेत्रों में मवेशी जांच अभियान चलाया। इसमें नरोडा, मेघाणीनगर, ओढव, विराटनगर और आदिनाथ नगर में 50 से अधिक मवेशियों को लाइसेंस बिना होने से पकड़ा गया। एएमसी अब इन मवेशियों को नहीं छोड़ेगी।

    एएमसी के सीएनसीडी विभाग के अधिकारी ने बताया कि भटकते मवेशी नियंत्रण पॉलिसी शहर में 1 सितम्बर से लागू हो चुका है। इसमें पशु मालिकों को लाइसेंस या परमिट लेने के लिए 90 दिन का समय दिया गया था, जो अवधि अब पूरी हो चुकी है। 1 दिसंबर को शहर में 22 टीम ने इसके तहत सघन जांच अभियान चलाया। शाम 5 बजे तक टीम सदस्यों ने 50 से अधिक मवेशियों को बगैर लाइसेंस के कारण पकड़ा है। नियमानुसार अब इन मवेशियों को उनके मालिकों को वापस नहीं किया जाएगा। शहर में अब बगैर लाइसेंस मवेशी नहीं रखे जा सकते हैं। इससे पूर्व पिछले 2 महीने में शहर से 8121 मवेशियों को पकड़ा गया। पशु मालिकों को 922 नोटिस इश्यू किया गया। नवंबर में 2340 मवेशी पकड़े गए। जबकि जनवरी से नवंबर, 2023 के दौरान कुल 13958 मवेशियों को पकड़ा गया। 30 नवंबर को एक ही दिन में 76 मवेशियों को पकड़ा गया। दो महीने में 7742 मवेशियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसके अलावा मवेशी रखने के लिए 1070 आवेदन किए गए हैं। इनमें 123 आवेदन मंजूर किया गया है। इसके साथ शहर के 209 पशु मालिकों के विरुद्ध एफआईआर किया गया है। साथ ही 922 लोगों को नोटिस भेजा गया है।

    गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई, पशु मालिकों ने समस्याएं गिनाईं
    गुजरात हाईकोर्ट में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की गई। एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी के अवकाश पर होने के कारण कोर्ट ने आगे की कार्यवाही करने के बजाए पिछले आदेश के तहत काम का पीरियोडिक रिपोर्ट मांगी। इस पर एएमसी ने बताया कि गुरुवार को ही काम का रिपोर्ट हाई कोर्ट में एफिडेविट पर फाइल कर दिया गया है। पशुपालकों के वकील की ओर से तीन समस्याएं पेश की गई। उन्होंने कहा कि अथॉरिटी जिन पशुओं को पकड़ता है, उसकी बेहतर ढंग से रखने की व्यवस्था हो, जो पशुपालक पशुओं के लिए घास-चार लाते हैं, उन्हें रोका नहीं जाए, कारण कि पुलिस उन्हें पकड़कर सीधे थाने ले जाती है। बड़ी संख्या में आवेदन लंबित है, इस वजह से ऐसे पशु मालिकों के मवेशी नहीं पकड़े जाए। इस पर एएमसी ने कहा कि पॉलिसी के तहत काम किया जाएगा। इस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार किया। आगे की सुनवाई के लिए 12 दिसंबर तारीख रखी गई है। जानकारी के अनुसार गुजरात हाईकोर्ट में वकील अमित पंचाल ने हाईकोर्ट के पूर्व के आदेशों का पालन नहीं करने को लेकर कंटेम्पट पिटिशन दाखिल किया है। हाईकोर्ट ने कई बार पहले भी सड़कों पर भटकते पशुओं के लिए सरकार और प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं, लेकिन इसकी अवहेलना के मामले बार-बार सामने आए हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास अलग से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि जो परिस्थित हो उससे अवगत कराया जाए। यह केस जज आशुतोष शास्त्री और जह हेमंत की बेंच के समक्ष चल रहा है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमहिला जूनियर हॉकी विश्व कप 2023 : रोमांचक मुकाबले में जर्मनी ने भारत को 4-3 से हराया
    Next Article माईक्रो आर्ब्जवर, गणना पर्यवेक्षक और सहायकों को दिया गया द्वितीय चरण का प्रशिक्षण हुआ
    admin

      Related Posts

      प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

      June 5, 2025

      सेमीकंडक्टर फैक्टरी के लिए बंगाल सरकार ने आवंटित की जमीन

      June 5, 2025

      ‘नक्शा’ वेब-जीआईएस प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आज से भोपाल में

      June 5, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version