नई दिल्ली। केंद्र सरकार राज्य विधिक मापविज्ञान विभागों और उनके पोर्टलों को एकीकृत राष्ट्रीय प्रणाली में समायोजित करने के लिए राष्ट्रीय विधिक मापविज्ञान पोर्टल (ईमैप) विकसित कर रही है। इस पहल का उद्देश्य लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन और अनुपालन के प्रबंधन की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि केंद्र सरकार का उपभोक्ता मामले का विभाग ईमैप विकसित कर रहा है। इसका उद्देश्य लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन एवं अनुपालन के प्रबंधन के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इसके लागू होने पर व्यवसाय और उद्योग जगत ऑनलाइन आवेदन करके कानूनी माप-पद्धति अनुमोदन, लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्रालय के मुताबिक एक केंद्रीकृत डेटाबेस होने से ईमैप हितधारकों को कई राज्य पोर्टलों पर पंजीकरण करने की जरूरतें समाप्त हो जाएगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और व्यापार नियमों में पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा। पोर्टल के विकास के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक हाइब्रिड बैठक 28 नवंबर को हुई जिसमें उद्योग और फिक्की, सीआईआई, पीएचडी, एसोचैम जैसे उद्योग संघ, राज्य कानूनी माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधि और एनआईसी की टीम शामिल हुई। बैठक के दौरान प्राप्त सुझावों की समीक्षा की जा रही है और पोर्टल को कुशल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए उन्हें शामिल किया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और तौल एवं माप उपकरणों के सत्यापन एवं मुद्रांकन के लिए स्वयं के पोर्टल का उपयोग कर रही हैं। हालांकि, प्रवर्तन गतिविधियां और अपराधों का समाधान आदि ऑनलाइन नहीं है। इसलिए उपभोक्ता मामलों का विभाग सभी राज्य पोर्टलों को राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल ‘ईमैप’ के रूप में एकीकृत कर रहा है, जिसमें प्रवर्तन सहित विधिक माप विज्ञान के सभी कार्य शामिल होंगे और एकीकृत डेटा बेस बनाने में मदद मिलेगी।