खूंटी। जिले के ग्रामीण इलाकों में मजबूतीकरण के नाम दर्जनों सड़कों पर संवेदकों ने बड़े-बड़े बॉल्डर डालकर छोड़ दिया। इसके कारण आये दिन दो पहिया वान चालक और साइकिल सवार दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।

पिछले तीन महीनों से लगभग निर्माणाधीन सभी सड़कों का यही हाल है। अक्टूबर महीने में इन सड़कों के मजबूतीकरण का काम अलग-अलग संवेदकों के जरिये शुरू किया गया। ठेकेदारों ने सड़कों को खोदकर बॉल्डर डालकर छोड दिया। पिछले तीन महीना से सड़कों का निर्माण कार्य बंद है।

तोरपा से जरियागढ़, एरमेरे से ईचा, दियांकेल से बडरूटोली, कतारी मोड़ से सुुदारी सहित खूंटी, तोरपा, कर्रा, रनिया और मुरहू प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़कों का निर्माण कार्य बंद है।

तोरपा प्रखंड के ईचा गांव के रहने वाले दीपक गुप्ता, चमन महतो, सूरज महतो, दिंयांकेल गांव के सुमिज सोय, बडरूटोली गांव के माइकल फ्रांसिस धान और शांता सिंह कहते हैं कि सड़कों के निर्माण कार्य बंद होने से लोगों को खासकर स्कूली बच्चों को काफी परेशानी हो रही है। सड़कों पर बड़े-बड़े बॉल्डर डालकर छोड़ दिये जाने से बाइक सवारों और साइकिल चलाने वालों को काफी परेशानी हो रही है। आये दिन लोग दुर्घटना में घायल हो रहे है।

लोगों का कहना है कि विधायक को इस दिशा में पहल करनी चाहिए। ग्रामीणों ने कहा कि बहुत जल्द वे विधायक को ज्ञापन सौंपकर सड़कों का निर्माण कार्य पूरा कराने की मांग करेंगे।

सड़कों के अधूरे निर्माण कें संबंध में भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य संतोष जयसवाल ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि सड़कों को अधूरा क्यों छोड़ दिया गया है। एदि पैसे के अभाव में काम ठप है, तो आखिर रकम गई कहां? उन्होंने कहा कि सरकार की गलती का खमियाजा आखिर जनता क्यों भुगते।

विभिन्न ग्रामीण इलाकों में सड़कों के अधूरे निर्माण के संबंध में पूछे जाने पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता सुशील झा कहते हैं कि फंड के अभाव में सड़कों का निर्माण कार्य बंद है। अभी कहना मुश्किल है कि विभाग को रकम कब मिलेगी। उन्होंने कहा कि पैसा मिलते ही सड़कों का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

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