प्रयागराज। महाकुंभ 2025 के ऐतिहासिक आयोजन के दौरान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रमिक परिवारों के बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने इन बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के नेतृत्व में एजुकेट गर्ल्स, बैंक ऑफ बड़ौदा, और शिव नडार फाउंडेशन के सहयोग से ‘विद्या कुंभ’ की शुरुआत की है। यह जानकारी मंगलवार को प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने दी।
उन्होंने बताया कि सरकार के इस पहल का उद्देश्य श्रमिक परिवारों के बच्चों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। सरकार के इस प्रयास से इन बच्चों का शिक्षा का सफर निर्बाध रूप से जारी रहेगा और उनके भविष्य को नई उड़ान मिलेगी।
महाकुंभ 2025 के दौरान ‘विद्या कुंभ’ जैसी पहल योगी सरकार की सामाजिक और शैक्षणिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने और उनके कौशल विकास के माध्यम से उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
पांच प्राथमिक विद्यालयों की शुरुआत
इस योजना के तहत मेला क्षेत्र में पांच प्राथमिक विद्यालय क्रमशः विद्याकुंभ प्राथमिक विद्यालय, सेक्टर-1, सेक्टर-2, सेक्टर-7, सेक्टर-10 और सेक्टर-13 में खोले गए हैं, जहां बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। बेसीक शिक्षा विभाग के अनुसार अब तक 500 के लगभग छात्रों का पंजीकरण हो चुका है और इसे 1000 तक पहुँचाने का लक्ष्य है।
विद्यालयों में मिल रही सुविधायें
इन विद्यालयों में डिजिटल क्लासरूम, शैक्षणिक किट्स, और खेल-खेल में पढ़ाई के माध्यम से एक रोचक और समग्र शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को ‘उमंग किट’ के तहत किताबें, पेंसिल, कॉपियां, स्कूल यूनिफॉर्म, स्वेटर और अन्य शैक्षणिक सामग्री प्रदान की गई हैं। इसके साथ ही, एजुकेट गर्ल्स द्वारा ‘ज्ञान का पिटारा’ नामक विशेष शैक्षणिक किट भी दी गई है।
खेल और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था
विद्यालयों में बच्चों के लिए खेल के मैदान विकसित किए गए हैं, जहां आउटडोर प्ले मैटेरियल्स की व्यवस्था की गई है। साथ ही, बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन के लिए डाइनिंग एरिया तैयार किया जा रहा है।
श्रमिक कर्मवीरों के नौनिहालों की चिंता
महाकुंभ में सफाई और अन्य कार्यों में लगे 15000 श्रमिक कर्मवीरों के बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए इन विद्यालयों में इनके बच्चों को शिक्षित करने की योजना है। अब तक हजारों बच्चों का पंजीकरण हो चुका है और वे नियमित रूप से अध्ययन कर रहे हैं। इन विद्यालयों में नर्सरी से कक्षा 5 तक की शिक्षा पूरी तरह निःशुल्क प्रदान की जा रही है।
डिजिटल शिक्षा का समावेश
विद्या कुंभ के तहत बच्चों को डिजिटल माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। इन स्कूलों के डिजिटल क्लासरूम में व्हाइट बोर्ड, ऑडियो-वीडियो सामग्री, और कविता, गीत, खेल-खेल में शिक्षण के माध्यम से पढ़ाई को रोचक बनाया गया है। नर्सरी के बच्चों के लिए विशेष खेल-आधारित शिक्षा दी जा रही है, ताकि उनमें पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाई जा सके।
प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा कि सरकार का यह प्रयास बच्चों की पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने इसे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल बताया।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह बोले
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि महाकुंभ, विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रमिक अपने परिवारों के साथ आते हैं। ‘विद्या कुंभ’ का उद्देश्य इन श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ना है। यह पहल बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने और उनके भविष्य को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महाकुंभ क्षेत्र में खोले गए हैं पांच प्राथमिक विद्यालय
महानिदेशक स्कूल शिक्षा, कंचन वर्मा का कहना है कि महाकुंभ 2025 के दौरान, जब विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज के संगम तट पर जुटेंगे, उत्तर प्रदेश का बेसिक शिक्षा विभाग इस आयोजन में श्रमिक परिवारों के बच्चों की शिक्षा को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। महाकुंभ क्षेत्र में कार्यरत सफाई कर्मियों और अन्य कर्मचारियों के बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए पांच प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं। इनमें 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का सर्वे कर उनकी आयु के अनुसार कक्षाओं में नामांकन किया गया है।