लातेहार। लातेहार जिले के सरयू प्रखंड स्थित आदिवासी बहुल डोरम गांव इन दिनों गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहा है। गांव में नल–जल योजना और मुखिया फंड से बनाए गए कुल तीन जलमीनार लंबे समय से बेकार पड़े हैं। हालात इतने खराब हैं कि 100 से अधिक परिवार एकमात्र स्कूल परिसर में लगे हैंडपंप पर निर्भर हैं। पानी को लेकर ग्रामीणों के बीच आए दिन विवाद की स्थिति बन जाती है।

ग्रामीणों का कहना है कि जलमीनार लगाए जाने के बाद शुरुआती 10–12 दिनों तक ही पानी मिला। उसके बाद सप्लाई पूरी तरह बंद हो गई। लोगों का अनुमान है कि या तो बोरिंग धंस चुकी है या मोटरें खराब हो गई हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। गांव में बिजली की समस्या भी बनी हुई है, जिससे लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया फंड से बना जलमीनार तो कई वर्षों से मरम्मत का इंतजार कर रहा है। पार्वती देवी और अमरजीत सिंह जैसे ग्रामीणों ने कहा कि पानी की कमी से दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित है और निकट भविष्य में भी कोई समाधान दिखाई नहीं दे रहा।

इस बीच, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के जूनियर इंजीनियर राहुल कुमार ने बताया कि विभागीय टीम ने डोरम का निरीक्षण किया है। बोरिंग धंसने की पुष्टि होने के बाद मरम्मत के लिए एस्टीमेट भेज दिया गया है। फंड स्वीकृत होते ही जलमीनारों को दुरुस्त कर दिया जाएगा।

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