गिरिडीह। गिरिडीह जिले में सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए करीब 20 वर्षों से फरार और इनामी भाकपा माओवादी मोती लाल किस्कू को गिरफ्तार कर लिया है। अर्धसैनिक बलों और बिहार एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में यह कुख्यात नक्सली देवरी थाना क्षेत्र से पकड़ा गया। मोती लाल लंबे समय से कई जघन्य नक्सली घटनाओं में वांछित था, जिसकी तलाश सुरक्षा एजेंसियों को वर्षों से थी।

सूत्रों ने बताया कि गुरुवार देर रात गुप्त सूचना के आधार पर चलाए गए जॉइंट ऑपरेशन में चकाई पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम ने मोती लाल को उसके गांव में घेराबंदी कर दबोच लिया। गिरफ्तारी के समय वह बेफिक्र होकर अपने घर में आराम कर रहा था। बताया जा रहा है कि मोती लाल किस्कू मूल रूप से जमुई जिले के चकाई थाना क्षेत्र के हरनी गांव का निवासी है और लगभग दो दशकों से नक्सल संगठन में सक्रिय रहा।

मोती लाल कई गंभीर मामलों में आरोपी है। वह चकाई के जीवलाल पासवान हत्याकांड में सीधे तौर पर शामिल रहा था। इसके अलावा जमुई और गिरिडीह जिले के कई थाना क्षेत्रों में उसके खिलाफ नक्सली हमलों के मामले दर्ज हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि वह मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात नक्सली और इनामी जॉनल कमिटी सदस्य चिराग दा के दस्ते का सक्रिय सदस्य था। मोतीलाल के पास अक्सर एके-47 रहती थी और वह संगठन के सशस्त्र दस्ते के साथ कई हिंसक घटनाओं को अंजाम देता था।

सुरक्षा एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि मोती लाल गिरिडीह और जमुई की सीमा पर स्थित पोझा बरमोरिया क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए हथियारों के भंडार के बारे में जानता है। इसी वजह से उसकी गिरफ्तारी के बाद इलाके में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि उसकी निशानदेही पर कई हथियार और विस्फोटक बरामद हो सकते हैं।

मोती लाल का नाम गिरिडीह में 16 साल पहले हुए कैदी वाहन कांड में भी आता है, जिसमें नक्सलियों ने पुलिस पर हमला कर कैदियों को छुड़ाया था। उसकी गिरफ्तारी को सुरक्षा बलों ने बड़ी कामयाबी बताया है, जिससे नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है।

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