नयी दिल्ली: केंद्र सरकार का मानना है कि गैरकानूनी खनन, अफीम की खेती और फिरौती के जरिये माओवादी अपने लिए फंड इकट्ठा करते हैं। सरकार विभिन्न विभागों और एजेंसियों से चर्चा करने के बाद इस फंडिंग को रोकने के सभी तरीकों को लागू कर सकती है। सरकार माओवादियों की कमर तोड़ने के प्रति काफी गंभीर है। सरकार को पता चला है कि पिछले कुछ सालों में तीन राज्यों झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में माओवाद प्रभावित इलाकों से 3.72 लाख अवैध खनन के मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही, विस्फोटकों की चोरी की घटनाओं पर भी सरकार काफी चिंतित है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर विशेष निगरानी सुनिश्चित करें। माओवाद प्रभावित राज्यों से गृह मंत्री ने कहा है कि केंद्रीय बल माओवादियों पर लगातार कार्रवाई करते रहेंगे, ताकि सुकमा जैसी घटनाओं पर रोक लगायी जा सके।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, ‘विस्फोटकों और पेट्रोलियम पदार्थों की छिटपुट चोरियां भी बड़े हमलों में सहायक हो सकती हैं, इसलिए हमने राज्यों के विभिन्न विभागों से कहा है कि इस तरह की चोरियों पर लगाम लगाने का विशेष प्रयास करें और जहां भी विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाता है वहां निगरानी और सख्त करें।’ सरकार की नजर झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के उन इलाकों पर भी है, जहां गैरकानूनी तौर पर अफीम की खेती की जाती है। माओवादी ड्रग नेटवर्क के जरिये भी पैसा की उगाही रहे हैं।
गौरतलब है कि 24 अप्रैल को सुकमा में माओवादियों द्वारा किये गये हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गये थे। आगामी आठ मई को इस संबंध में गृह मंत्री राजनाथ सिंह एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें माओवादी हमले रोकने के लिए सभी सिफारिशों पर विस्तार से चर्चा की जायेगी।
बता दें कि मंत्रालय ने पहले ही सुरक्षा एजेंसियों को यह निर्देश दिये हैं कि वह माओवादियों के खिलाफ किये जा अभियानों में स्टैंडर्ड आॅपरेशन प्रसीजर का पालन करें, ताकि माओवादी किसी भी तरह की घटना को अंजाम देने में सफल न हो सकें। अधिकारी ने बताया, ‘सरकार माओवादियों की कमर तोड़ने के लिए काफी गंभीर है और इसलिए उनकी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए सभी संभव उपाये किये जायेंगे, ताकि आगे सुकमा जैसी घटनाएं न हों।’
Previous Articleअगले साल तक खुले में शौच से मुक्त होगा झारखंड
Next Article शिमला घूमने जायेंगे ग्रामीण स्कूलों के बच्चे
Related Posts
Add A Comment