-राज्यपाल ने विदेश जाने वाले प्रिंसिपलों के चयन पर उठाए सवाल
-मुख्यमंत्री ने पत्र में पूछा- राज्यपाल की नियुक्ति में क्या होते हैं मानदंड
चंडीगढ़। स्कूली प्रिंसिपलों को विदेश भेजने के मामले में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के जवाबी पत्र लिखने से राज्य की राजनीति गरमा गई है। सोमवार को राज्यपाल ने विदेश जाने वाले प्रिंसिपलों के चयन पर के मानदंड पूछे। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने मंगलवार को पत्र लिखकर यह पूछ लिया कि राज्यपाल की नियुक्ति के क्या मानदंड होते हैं। इस विवाद में कांग्रेस, भाजपा व अकाली दल भी गए हैं।
दरअसल, पंजाब के राज्यपाल पुरोहित ने सोमवार की शाम एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भगवंत मान से पूछा था कि हालही में सिंगापुर गए प्रिंसीपलों के लिए क्या चयन प्रक्रिया अपनाई गई है। राज्यपाल ने पुराने पत्रों का हवाला देते हुए कहा था कि वह कई तरह की नियुक्तियों में बरती गई अनियमितताओं, चंडीगढ़ के एसएसपी को तरक्की देने समेत कई मामलों पर उन्हें पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनके किसी भी पत्र का जवाब नहीं दिया जा रहा है। राज्यपाल ने चेताया था कि अगर 15 दिनों के भीतर उन्हें जवाब नहीं मिला तो वह कानूनी राय लेने के लिए मजबूर होंगे।
मुख्यमंत्री मान ने मंगलवार काे गवर्नर का नाम लिए बगैर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब के फैसले जनता द्वारा चुने हुए लोग ही लेंगे, नामजद लोग नहीं लेंगे। मुख्यमंत्री ने गवर्नर को उनके द्वारा इसी मुद्दे पर लिखे गए पत्र का जवाब भी भेज दिया गया। इस पत्र में भगवंत मान ने लिखा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं मैं और मेरी सरकार तीन करोड़ पंजाबियों को जवाबदेह है। आपने मुझे पूछा है कि सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए टीचरों का चुनाव किस आधार पर किया है। पंजाब के लोग पूछना चाहते हैं कि भारतीय संविधान में किसी स्पष्ट योग्यता के बगैर केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल किस आधार पर चुने जाते हैं। यह बताकर पंजाबियों की जानकारी बढ़ाई जाए।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच छिड़े विवाद पर कांग्रेस विधायक दल नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर हैं। उन्हें अगर कोई आशंकाएं हैं तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि वह राज्यपाल से मुलाकात करके अपनी स्थिति स्पष्ट करें। भाजपा नेता तरूण चुघ ने कहा कि पंजाब के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। सरकार का कोई कंट्रोल नहीं है। पंजाब सरकार कई ऐसे मनमाने फैसले ले रही है, जो इस प्रदेश के लोगों के हित में नहीं हैं।