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    Home»झारखंड»कहीं सफेद हाथी न बन जाए खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना
    झारखंड

    कहीं सफेद हाथी न बन जाए खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना

    adminBy adminFebruary 23, 2023No Comments3 Mins Read
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    -दो वर्षों में पूरी होनी थी योजना, चार वर्षों में महज 25 फीसदी काम

    खूंटी। खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्षों की संभावित जनसंख्या को ध्यान में रखकर चार वर्ष पहले शुरू की गई खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना अपनी कछुए की चाल के कारण अब भी अधर में लटकी है। 59 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना को दो साल में पूरा करना था, लेकिन कार्यकारी एजेंसी जुडको के अधिकारियों की लापरवाही के कारण चार वर्ष के बाद भी 25 फीसदी भी काम नहीं हुआ है।

    शहरी जलापूर्ति योजना से निर्बाध पानी मिलने का सपना संजोए शहर के लोगों के लिए यह योजना अभी दूर की कौड़ी है। चार वर्षों में इस महत्वपूर्ण योजना में महज 25 फीसदी ही काम हुए हैं। 59.54 करोड़ की लगात वाली खूंटी शहरी जलापूर्ति योजना का एकरारनामा 18 जनवरी 2019 को हुआ था। इसमें दो वर्षों में योजना को पूरा करना था।

    उल्लेखनीय है कि खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्ष बाद तक बढ़नेवाली आबादी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसे ध्यान में रखकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के प्रयास से एनडीए सरकार ने विश्व बैंक संपोषित यह योजना शुरू की थी। वर्ष 2018 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने नगर भवन में तामझाम से काम का शिलान्यास किया था।

    जुडको की देखरेख में चल रही इस महत्वाकांक्षी योजना का काम तमिलनाडु के श्रीराम ईपीसी को सौंपा गया है। कंपनी द्वारा जिस कच्छप गति से काम को अंजाम दिया जा रहा है, उससे यह कतई संभव नहीं कि काम 2023 तो क्या 2024 तक भी योजना पूरी हो सकेगी। योजना में धीमे काम को लेकर कई बार जिले के उपायुक्त कंपनी के अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके है, लेकिन कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

    इस महत्वपूर्ण योजना में एक नया फिल्ट्रेशन प्लांट शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमता के तीन नए चारमीनार का निर्माण करना है। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पाइपलाइन भी बिछानी है। इनमें से फिल्ट्रेशन प्लांट और जलमीनारों के निर्माण का काम प्रारंभिक चरण में है। वहीं अनेक क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने का काम कर दिया गया है। पाइप लाइन बिछाने के नाम पर कई क्षेत्रों में पक्की पीसीसी सड़क को खोदकर अस्त-व्यस्त कर दिया गया है। संवेदक कंपनी का कहना है कि योजना में सड़क मरम्मत का प्रावधान है, लेकिन पाइपलाइन में पानी आपूर्ति का टेस्ट करने के बाद सड़क की मरम्मत की जाएगी। यहां प्रश्न उठता है कि योजना का अन्य महत्वपूर्ण कार्य अभी प्रारंभिक चरण में है।

    जिसने योजना बनाई है, उन्हीं से पूछिए : कार्यपालक पदाधिकारी
    जलापूर्ति योजना की धीमी गति के संबंध में पूछे जाने पर खूंटी नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी रवि प्रकाश ने कहा कि जिसने योजना बनाई है और जिन्होंने इसकी स्वीकृति दी है, उनसे ही शहरी जलापर्ति योजना के बारे में पूछिए। इसके बारें में वह कुछ कह नहीं सकते।

    विधानसभा में उठ चुका है मामला
    खूंटी शहरी जलापर्ति योजना की धीमी प्रगति का मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। खूंटी के विधायक और राज्य कें पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने तारांकित प्रश्न के तहत मामला उठाया था और पूछा था कि योजना कब तक पूरी होगी।इस पर सरकार की ओर बताया गया था कि जनवरी 2022 तक योजना पूरी हो जाएगी, लेकिन फरवरी 2023 तक महज 25 फीसदी ही काम हो सका है।

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