Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, June 6
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»झारखंड»रांची»धर्म-मजहब के ठेकेदारो मां-बहनों पर तो रहम करो
    रांची

    धर्म-मजहब के ठेकेदारो मां-बहनों पर तो रहम करो

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीJune 8, 2017No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    सुकुरहुटू: कुरान और गीता-रामायण की मानें तो सच्चा मुसलमान और सच्चा हिंदू कभी झूठ नहीं बोलता। और उसमें भी हम अपनी मां-बहनों और निष्कपट बच्चों के बारे में तो यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि वे झूठ बोलेंगे। यह संवाददाता बुधवार की दोपहर भी सुकुरहुटू गया था। वहां महादेव मंडा और मसजिद के बीचोंबीच संकरी गली में कुछ मुसलिम मां-बहनों और बच्चों ने इस संवाददाता की गाड़ी को घेर कर जो सच उगला, उसने मन-मस्तिष्क को झकझोर कर रख दिया।

    दिल कलेजे को हो आया। दिल में एक कुहुक सी उठी और मन रोने लगा। अगर सच से सामना करने का साहस आपमें है, तो आप भी सुनिये- एक- बाबू हम तीन दिन से खाना नहीं खाये हैं। अब खड़ा होने की भी कूवत हममें नहीं है। ये लोग कमाने-खाने वाले परिवार हैं और सोमवार की रात से घर के पुरुष सदस्य भाग गये हैं। इनका काम धंधा बंद है। गांव में कोई उधार पइंचा देनेवाला भी नहीं, लिहाजा खाना कहां से मिलेगा।
    दो- वह कहती हैं: हम किस तरह की नारकीय जिंदगी सोमवार की रात से जी रहे हैं, शर्म के मारे कह नहीं सकते। आप कह सकते हैं कि इसमें दिल को झकझोरने, छूने और रोनेवाली बात क्या है! यह तो आम बात है। जी नहीं, आम बात नहीं, आप भी सुनिये-उन मां-बहनों के घर में शौचालय नहीं है। सुकुरहुटू में उन जैसी लगभग दो हजार हिंदू-मुसलमान मां-बहनों और बुजुर्गों के घर में शौचालय नहीं है। सोमवार की रात से ही वे अपने घरों में एक तरह से नजरबंद हैं। हर घर के दरवाजे पर सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं।

    पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील है। हर तरफ जवानों की चहलकदमी। दिन में पुरुष समाज से आंखें दो-चार करके मां-बहनें बाहर खेत या बगीचे में शौच को जा नहीं सकतीं और जिनके घरों में शौचालय है, वहां जाने की इजाजत नहीं। रात में भयावह सन्नाटा और चहुंओर भय का माहौल। सन्नाटे को चीरती जवानों के बूटों की आवाज। हर तरफ चौकस निहारतीं नजरें। उनसे बच भी गये, तो टार्च की रोशनी को आप छका नहीं सकते। अकेले वे घर से निकल नहीं सकतीं और धारा 144 लागू होने के कारण समूह में वे जा नहीं सकतीं।

    लिहाजा सोमवार की रात से ही वे अपने घर में मिट्टी की हांडी में शौच कर रही हैं और उसे मिट्टी से ढक कर रख रही हैं। अगर आपने ऐसी जिंदगी नहीं जी है, तो अंदाज नहीं लगा सकते और कभी जी है, तो आप इसे सिर्फ महसूस कीजिए, किस तरह की नारकीय जिंदगी वे जी रही हैं। यह स्थिति गांव के उन लगभग दो हजार घरों की है, जहां शौचालय नहीं है। शौचालय नहीं होने के कारण ही सोमवार की रात को हंगामा हो गया। गांव की कुछ मां-बहनें शौच करने के लिए तालाब की तरफ गयी थीं। वहां गांव के छह-सात नशेड़ियों ने उन्हें छेड़ दिया। जब घरवालों को यह पता चला तो उन्होंने उन नशेड़ियों-गंजेड़ियों को दो-चार झापड़ लगा दिये।

    वे अपनी बस्ती में गये और फिर समाज और धर्म के तथाकथित ठेकेदारों ने इंसानियत को कलंकित करनेवाला कारनामा कर दिया। देखते ही देखते हिंदू और मुसलिम धर्म के तथाकथित ठेकेदारों ने सदियों से गंगा-जमुनी तहजीब में जी रहे सुकुरहुटू के आम जन को अल्लाह और भगवान का नाम लेकर बांट दिया। मानवता को तार-तार कर दिया। एक तरफ अल्लाह ओ अकबर तो दूसरी तरफ जय श्रीराम के उत्तेजक नारे और फिर पत्थरबाजी, लाठीबाजी और तलवारबाजी। दो समुदायों में ऐसे जंग छिड़ गयी-मानो सीमा पर परंपरागत दुश्मन जंग लड़ रहे हों।
    बरगद के पेड़ के पास आज भी हम रुके थे। वहां मुलाकात हुई मोहन महतो से। मोहन महतो अपने जमाने के प्रसिद्ध फुटबॉलर थे और फिलहाल बीएयू में कर्मचारी हैं। उनकी दो चिंताएं थीं। एक चिंता यह कि उनके भतीजे को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। दूसरी सबसे बड़ी चिंता यह की नसीबलाल की बेटी खुशबू की सगाई की रश्म कैसे पूरी होगी। यह रश्म शादी के पहले वर पक्ष के लोग आते हैं और बेटी को देखते हैं। किसी तरह शाम को वह रश्म पूरी हुई। शाम को ही ओरमांझी से कुछ लोग रिंग रोड होते हुए सुकुरहुटू पहुंचे। रश्म निभायी और चलते बने। यह एक बाप के लिए चिंता का विषय था। वह विषम परिस्थितियों के कारण ठीक से बेटी के होनेवाले ससुर और परिजनों की खातिरदारी भी नहीं कर पाया। बात करते-करते वे रूंआसे हो गये। कहने लगे, पता नहीं हमारे सुकुरहुटू को किसकी नजर लग गयी।

    अधिकारियों ने जलने से बचा लिया रांची को
    रांची के लोगों को याद है, इसी तरह के उपद्रवियों के एक पत्थर ने कैसे कर्तव्यनिष्ठ डीएसपी यूसी झा की जान ले ली थी। उन पर भी सांप्रदायिक सौहार्द्र की रक्षा करने के दौरान हमला किया गया था। घायल होने के बाद वे इलाज के लिए सेवा सदन गये। इलाज तो हुआ, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनकी मौत की खबर फैलते ही रांची की पुलिस आग बबूला हो गयी थी। हमें याद है, रांची के तत्कालीन सर्जेंट मेजर अशोक पाठक सेवा सदन में शाम पांच बजे हमसे लिपट कर रोने लगे और कहने लगे, सर मार दिया न हमारे साहब को उपद्रवियों ने। आखिर हम कब तक अपने धैर्य की परीक्षा दें। ठीक उसी तरह का हमला सुकुरहुटू में कांके के थानेदार राजीव रंजन पर किया गया। वे बच गये, तो ऊपरवाले की कृपा से।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसुमित टीवीएस शोरूम में चली गोली, मैनेजर घायल
    Next Article फ्रेंच ओपन में लहराया तिरंगा, रोहन बोपन्ना ने जीता मिक्स्ड डबल्स खिताब
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल

    June 6, 2025

    लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि

    June 5, 2025

    लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल

    June 5, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • प्रधानमंत्री ने चिनाब रेलवे पुल का किया उद्घाटन, वंदेभारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी
    • मुख्यमंत्री ने गुपचुप कर दिया फ्लाईओवर का उद्घाटन, ठगा महसूस कर रहा आदिवासी समाज : बाबूलाल
    • अलकतरा फैक्ट्री में विस्फोट से गैस रिसाव से कई लोग बीमार, सड़क जाम
    • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
    • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version