लिस्बन: पुर्तगाल में लगी भीषण आग को सोमवार को भी बुझाने की जद्दोजहद जारी रही। यह पुर्तगाल के इतिहास की सबसे भीषण आग है, जिसने लेरिया क्षेत्र को नष्ट कर दिया है। इस आग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। लेरिया के प्रेडोगाओ ग्रैंडे के जंगलों में शनिवार दोपहर आग लगी थी, जिसकी चपेट में कई गांव आ गए थे।
पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने कहा, यह आग इतनी भीषण है कि हमें याद नहीं आता कि हम कभी और इतनी ही भयावह त्रासदी के गवाह बने हों।
कोस्टा ने कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। उन्होंने कहा कि स्पेन और फ्रांस की मदद से इस आग को बुझाने के लिए 700 से अधिक आपातकर्मियों को लगाया गया है। इस घटना में 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
फिगुएरो डोस विन्होस और कास्टनहेरा डी पेरा को जोड़ने वाले मार्ग पर आग लगी, जिसमें कई लोग फंस गए।
आंतरिक प्रशासन विभाग के मुताबिक, इन सड़कों पर कई वाहन आग में घिर गए और इनमें 30 लोगों की मौत हो गई। कुछ मामलों में तो समूचे परिवार की मौत हो गई है।
इसके अलावा अन्य 17 शव पास की सड़कों और 10 शव पास के ग्रामीण क्षेत्रों से बरामद किए गए।
जो घायल हैं, उनमें से चार की स्थिति गंभीर है। कई घरों को क्षति पहुंची है।
न्यायिक पुलिस ने समाचार एजेंसी एफे को बताया कि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि आग जान बूझकर लगाई गई है। पुलिस का कहना है कि पेड़ पर बिजली गिरने से यह आग लगी है और शनिवार को 40 डिग्री से अधिक तापमान के साथ तेज हवाएं चलने से आग तेजी से फैली, जिस वजह से दमकलकर्मियों के काम में बाधा आई।
दमकल विभाग के मुताबिक, चार क्षेत्रों में आग अभी भी सक्रिय है, जिनमें से दो क्षेत्रों में यह अभी भी अनियंत्रित है।
पुर्तगाल सरकार ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है, जो रविवार से शुरू हुआ।