-इसका डर अब भाजपा और उसके कॉरपोरेट साथियों को अभी से सताने लगा है
-भाजपा के प्रवक्ता अब इडी के भी प्रवक्ता बन गये हैं
रांची। झामुमो के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नया पेसा कानून लाने जा रहे हैं। एक बार फिर से जल, जंगल और जमीन पर अधिकार ग्रामसभा का हो जायेगा। इसका डर अब भाजपा और उसके कॉरपोरेट साथियों को सताने लगा है। भाजपा के मित्रों और कॉरपोरेट जगत का जंगल और जमीन में प्रवेश थम जायेगा। इससे पूरी भाजपा भयभीत है। क्योंकि भाजपा कभी नहीं चाहती है कि आदिवासी, दलित, किसान, गरीब, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार मिले। इसके कारण भाजपा के लोग डरे हुए हैं। उक्त बातें मंगलवार को श्री भट्टाचार्य ने झामुमो प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राजनीतिक रूप से तो हमसे मुकाबला नहीं कर सकते हैं, इसलिए कभी जांच एजेंसियों तो कभी अपने बड़बोले नेताओं के द्वारा अनाप-शनाप बुलवाते रहते हैं। इन सब कारणों से दिल्ली के निशाने पर झारखंड और झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आ गये हैं। लेकिन हम लोग इससे भयभीत होनेवाले नहीं हैं। जनता सभी का जवाब देगी। 2024 का चुनाव आनेवाला है।
बाबूलाल अपनी भाषा और शब्द चयन पर लगाम लगायें
भट्टाचार्य ने कहा कि कल ही करम बीता है, बाबूलाल जी झारखंड की सभ्यता-संस्कृति और परंपरा से भलीभांति परिचित हैं। इसलिए वह अपना संस्कार न भूलें। अपनी भाषा और शब्द चयन पर लगाम लगायें। एक विस्थापित पूर्व सीएम एक स्थापित सीएम हेमंत सोरेन को जानवर कह रहे हैं। उनकी पार्टी के सांसद और नेता भाग हेमंत सोरेन भाग आदि शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कहां की परंपरा और सभ्यता है। बाबूलाल और उनके नेता तो भाजपा सांसद बिधूड़ी की भाषा बोलने लगे हैं। बड़ी अजीब बात है कि एक केंद्रीय मंत्री संसद में बयान देती है कि मेरी बात सुनो और मानो, नहीं तो इडी और सीबीआइ लगा देंगे। इसका मतलब क्या है। मतलब साफ है कि भाजपा और केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों को अपने पक्ष में करने के लिए कर रही है।
भाजपा की ही याचिका में 16 गलतियां
उन्होंने याचिका में त्रुटि पर बताया कि एक केस रिट पिटीशन जो 5888/20 2020 का है उसे 10.11.2020 को भारतीय जनता पार्टी के द्वारा झारखंड विधानसभा के स्पीकर को पार्टी बना कर फाइल किया गया। इसमें हाइकोर्ट ने 16 त्रुटियां गिनायीं, लेकिन हम लोगों ने इस पर कुछ बोला नहीं क्योंकि यह स्वाभाविक है। उन्हीं के नेता बाबूलाल मरांडी ने 12.11.2020 को स्पीकर के खिलाफ एक रिट पिटिशन 5911 फाइल करते हैं। उसमें भी तीन आपत्तियां हैं। इसमें पहली आपत्ति पेज नंबर 28 से 35 में है। दूसरी आपत्ति पेज नंबर 43, 45, 46 और 59 में है। ये जो चीजें है वो सामान्य है। अब इस पर ऐसी कौन सी बात हो गई कि एक सीएम के बारे में दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री किस भाषा का प्रयोग करने लगते हैं। स्थापित मुख्यमंत्री को विस्थापित मुख्यमंत्री तुलना करते हैं। एक अदना सा आदमी कहता है कि समय खरीद रहा है। भाग रहे हैं। ये कौन सी नयी भाषा है।
आॅनलाइन प्रक्रिया में कुछ त्रुटियां रह जाती हैं
भट्टाचार्य ने कहा कि आज कल हर आवेदन डिजिटल इंडिया के माध्यम से किया जाता है। इसी तरह से हाइकोर्ट में भी आॅनलाइन आवेदन किया जाता है, जिसमें कई तरह की प्रक्रिया होती है। इस प्रक्रिया में कुछ त्रुटियां रह जाती हंै, हो जाती हैं। यह सामान्य प्रक्रिया है। भाजपा के लोग इसे प्रचार करते हुए एक मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। ऐसा लगता है कि भाजपा के प्रवक्ता अब इडी के प्रवक्ता भी बन गये हैं क्या।