रांची: कर्नाटक पुलिस ने रांची से 21 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों को रांची के जगन्नाथपुर थाने में रखा गया है। कर्नाटक और रांची पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। दरअसल ठगी के एक मामले की जांच कर्नाटक पुलिस ने शुरू की, तो उसके सभी तार झारखंड से जुड़ने लगे। कर्नाटक पुलिस ने होमवर्क कर सबसे पहले सभी साइबर अपराधियों का लोकेशन निकाला और रांची पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद कर्नाटक पुलिस की टीम रांची पहुंची। यहां रांची पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी कर 21 युवकों को पकड़ा गया, जो साइबर अपराध में संलिप्त थे।
ये हैं गिरफ्तार अपराधी
बिहार के गोपालगंज उचक्का निवासी विजय सिंह, तेलंगाना महबूब नगर निवासी एम चीना, अड़ाकेल निवासी रवि, के वेंकेट, बंबापुर निवासी संजीव, कमरपलि निवासी कृष्णकांत मूर्ति, जिला करीमनगर के रबिंदु, अदलाबाद जिला के बेलापाली निवासी टेचन दुबे, शंकर एस, मोहनूर जिला के तारयां, कर्नाटक चिकमैंगलूर निवासी अब्दुल हाशिम, रमयापुरी निवासी संजीत, गदाग जिला निवासी हुसैन, रायचुर गौरडना भावी निवासी मंजूनाथ, कोपका बेनूर निवासी नागलिगा, अमरेश, आंध्र प्रदेश के पाला ससुडम निवासी राजमोहन, तमिलनाडू के राजानगर निवासी राजा, विगनेस, तेलुवलूर निवासी मारती गान व परवीन कुमार।
पूरे देश के सैकड़ों लोगों से कर चुके हैं ठगी
कर्नाटक पुलिस को यह सूचना मिली थी कि लगातार हो रहे आॅनलाइन फ्रॉड में शामिल क्रिमिनल्स रांची में रह रहे हैं। इसके बाद कर्नाटक पुलिस रांची पुलिस के संपर्क में आयी। दोनों पुलिस ने एक ज्वाइंट आॅपरेशन चलाया, जिसमें एक साथ 21 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। झारखंड में यह अब तक का सबसे बड़ा आॅपरेशन है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में साइबर अपराधियों को पकड़ा गया है। अब तक ये पूरे देश में सैकड़ों लोगों को ठग चुके हैं।
गिरफ्तार अपराधियों में से 20 कर्नाटक से संबंध रखते हैं, जबकि एक बिहार का है। यह रांची में रह कर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे। यह बड़े ही शातिराना तरीके से लोगों की जेब खाली कर दिया करते थे। इनका बाकायदा एक नेटवर्क बना हुआ था, जो भोले भाले लोगों को एटीएम कार्ड खराब होने की बात कहकर उसका पिन नंबर लेते और पैसे निकाल लेते थे। इसके अलावा जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट बिजली बिल बनाकर लोगों को ठगा करते थे। इन अपराधियों को कर्नाटक पुलिस लोकल मजिस्ट्रेट के पास पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लेगी, जिसके बाद इन सबको कर्नाटक ले जाया जायेगा। – एसएसपी कुलदीप द्विवेदी
लैपटॉप देने के बहाने और एटीएम पिन पूछ कर ठगते थे
हैदराबाद के रहनेवाले गिरफ्तार एक साइबर अपराधी टेकचंद ने बताया कि वे लोग जॉब दिलाने के नाम पर पैसों की ठगी करते थे। लैपटॉप देने के बहाने भी पैसों की ठगी करते थे। इसके अलावा लोगों से एटीएम कार्ड खराब होने की बात कह कर, बैंक अकाउंट बंद होने की बात कहकर भी एटीएम की डिटेल्स लेकर साइबर क्राइम करते थे। इन लोगों का देशभर में नेटवर्क बना हुआ है। ये अपराधी बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनाकर भी लोगों से पैसे ठग चुके हैं। इन लोगों ने अब तक सौ से अधिक लोगों से पैसे ठगी करने की बात स्वीकारी है।
12 हजार रुपये प्रतिमाह पर रखा था युवकों को ठगी के काम पर
गिरफ्तार साइबर अपराधियों के गिरोह का सरगना कालू सिंह हैं। वह बिहार के बिहारशरीफ का रहनेवाला है। पैसे ठगने के लिए उसने सभी को हायर किया था, हर अपराधी को बारह हजार रुपये महीने कालू सिंह ही दिया करता था।